नयी दिल्ली, नौ मई घरेलू माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफार्म कू अगले एक साल के दौरान अपने कर्मचारियों की संख्या दुगुनी करेगी। कंपनी अपने प्लेटफार्म पर विशेष तौर पर क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल करते हुये उपयोगकर्ता आधार में उल्लेखनीय वृद्धि कर रही है।
कंपनी के सह- संस्थापक ने यह बात कही।
कू के सह- संस्थापक अप्रमेय राघाकृष्ण ने पीटीआई- भाषा से कहा कि प्लेटफार्म में उसके मौजूदा 60 लाख के उपयोगकर्ता आधार के साथ ही वृद्धि के लिये काफी गुंजाइश है।
उन्होंने कहा कि जब विभिन्न समूह कू में आते हैं तो अपने साथ उनसे जुड़े लोगों को भी इसमें लाते हैं। बहरहाल हमारे प्लेटफार्म पर बालीवुड के बहुत ज्यादा लोग नहीं है, इसमें क्रिकेटर भी ज्यादा नहीं जुड़े हैं। बहुत सारे राजनितज्ञ, लेखक हैं जो कि कू पर आने चाहेंगे क्योंकि इसमें हम स्थानीय भाषाओं को प्राथमिकता दे रहे हैं।
राधाकृष्ण ने कहा कि कू काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है क्योंकि लोग अपनी स्थानीय भाषा में अपनी बात रखना चाहते हैं। वह अपने समुदाय के लोगों के साथ अपनी भाषा में बात करना चाहते हैं। और प्लेटफार्म इस काम में उनकी मदद कर रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अगले कुछ सालों के दौरान इसमें 10 करोड़ के आसपास डाउनलोड चाहते हैं। यह संभव है 20 गुणा वृद्धि काफी संभव है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि इस दौरान क्या क्या घटनाक्रम होते हैं। कई लोग हैं जो कि कू में आना चाहते हैं।’’
कू को पिछले साल ही शुरू कि गया। पिछले कुछ महीनों के दौरान इसके उपयोगकर्ता आधार में तेजी से वृद्धि हुई है क्योंकि ट्विटर के साथ खींचतान होने के बाद केन्द्रीय मंत्रियों और सरकारी विभागों ने घरेलू स्तर पर खड़े किये गये इस माइक्रोब्लॉग प्लेटफार्म को तवज्जो देना शुरू कर दिया।
कू के प्लेटफार्म पर फिलहाल 60 लाख उपायोगकर्ता हैं जबकि ट्विटर के प्लेटफार्म पर 1.75 करोड़ के करीब उपायोगकर्ता हैं।
भारत फेसबुक, व्हट्सएप और ट्विटर जैसी इंटरनेट कंपनियों के लिये काफी महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है। भारत दुनिया का दूसरा बड़ा दूरसंचार बाजार और डेटा का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है।
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