चार साल से अधिक समय बाद चेन्नई में टेस्ट क्रिकेट की वापसी लेकिन रोमांच की कमी

By भाषा | Published: February 4, 2021 06:47 PM2021-02-04T18:47:33+5:302021-02-04T18:47:33+5:30

Test cricket returns to Chennai after more than four years but lack of thrill | चार साल से अधिक समय बाद चेन्नई में टेस्ट क्रिकेट की वापसी लेकिन रोमांच की कमी

चार साल से अधिक समय बाद चेन्नई में टेस्ट क्रिकेट की वापसी लेकिन रोमांच की कमी

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चेन्नई, चार फरवरी चार साल से अधिक समय से टेस्ट क्रिकेट के आयोजन का इंतजार कर रहे शहर के लोग अंतत: एमए चिदंबरम स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के बीच शुक्रवार से लाल गेंद के क्रिकेट की वापसी को लेकर खुश हैं लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण आम तौर पर नजर आने वाला रोमांच गायब है।

गौरतलब है कि चेन्नई में पिछला टेस्ट भी भारत और इंग्लैंड के बीच ही 16 से 20 दिसंबर 2016 तक खेला गया था।

चार मैचों की श्रृंखला के पहले दो टेस्ट यहां होंगे जबकि अहमदाबाद बाकी बचे मैचों की मेजबानी करेगा।

कोविड-19 महामारी के कारण पहला टेस्ट खाली स्टेडियम में दर्शकों की गैरमौजूदगी में होगा लेकिन सरकार के नवीनतम दिशानिर्देशों के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) और तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) ने दूसरे टेस्ट में स्टेडियम की क्षमता के 50 प्रतिशत दर्शकों के प्रवेश को स्वीकृति दी है।

यहां के रहने वाले एस कृष्णन पहला टेस्ट मैदान में जाकर देखना चाहते थे। उन्होंने कहा कि यहां टेस्ट मैचों का आयोजन नियमित रूप से नहीं होता और जब प्रशंसकों को स्टेडियम में आने की स्वीकृति नहीं दी जाती तो यह और अधिक निराशाजनक होता है।

कृष्णन ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैंने एमए चिदंबरम स्टेडियम में कई मैच देखे हैं। एतिहासिक मैदान और भारत के लिए भाग्यशाली। यहां सचिन तेंदुलकर को कुछ यादगार पारियां खेलते हुए देखा है। माहौल का अहसास करने के लिए आपको स्टेडियम में होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह तथ्य निराशाजनक है कि पहले टेस्ट में दर्शकों को आने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी। दर्शकों को दूर रखने का कारण महामारी है लेकिन दुख होता है कि दर्शकों को आने की स्वीकृति नहीं दी जा रही।’’

आस्ट्रेलिया के खिलाफ एतिहासिक टाई मुकाबले सहित चेपक स्टेडियम में कई टेस्ट देखने वाले क्रिकेट प्रशंसक सी कृष्णमूर्ति ने कहा कि क्रिकेट प्रेमी के लिए स्टेडियम में पांच दिवसीय मैच देखने से बड़ा कोई अहसास नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे जैसे परंपरावादियों के लिए स्टेडियम में टेस्ट मैच देखने से बेहतर कोई अहसास नहीं है। मैदान में बेजोड़ माहौल होता है। टाई हुए टेस्ट मैच को देखना शानदार था और यह हमेशा मेरी यादों में रहेगा। भारत की 2008 में इंग्लैंड पर जीत भी यादगार थी जिसमें तेंदुलकर ने शानदार प्रदर्शन किया था।’’

कृष्णमूर्ति ने याद किया कि क्रिकेट मैचों के दौरान पूरे इलाके में त्योहार जैसा माहौल होता था लेकिन पिछले कुछ समय में शहर को अधिक टेस्ट मैचों की मेजबानी नहीं मिली है और अधिक एक दिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन यहां हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘ट्रिप्लिकेन इलाका (जहां स्टेडियम स्थित है) उन दिनों टेस्ट मैचों के दौरान लोगों की गतिविधियों से भरा रहता था और मैच के दौरान ट्रैफिक का रास्ता बदला जाता था। ’’

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘अब चीजें बदल गई हैं। कट्टर प्रशंसकों को छोड़कर बाकी लोगों को बामुश्किल ही पता होता है कि टेस्ट मैच चल रहा है। कम से कम चेन्नई में अब भी टेस्ट मैच देखने लोग आते हैं। हमें दूसरे टेस्ट में दर्शकों की प्रतिक्रिया देखनी होगी क्योंकि वायरस अब भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है।’’

यहां 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में भारत की जीत की गवाह बनीं एस सुनंदा ने कहा कि वह क्रिकेट की बड़ी प्रशंसक नहीं हैं लेकिन वह अपने पति के साथ स्टेडियम में होने का लुत्फ उठाती हैं।

इलाके में चाय की दुकान चलाने वाले अब्दुल इस्माइल ने खुशी जाहिर की है कि शहर में इतने वर्षों बाद टेस्ट क्रिकेट की वापसी को रही है लेकिन उन्हें मलाल है कि प्रशंसकों को पहले टेस्ट में स्टेडियम में आने की स्वीकृति नहीं दी गई है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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