तेंदुलकर ने तोक्यो जाने वाले ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों को पदक जीतने को कहा

By भाषा | Published: July 20, 2021 08:06 PM2021-07-20T20:06:35+5:302021-07-20T20:06:35+5:30

Tendulkar asks Tokyo-bound track and field players to win medals | तेंदुलकर ने तोक्यो जाने वाले ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों को पदक जीतने को कहा

तेंदुलकर ने तोक्यो जाने वाले ट्रैक एवं फील्ड खिलाड़ियों को पदक जीतने को कहा

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नयी दिल्ली, 20 जुलाई महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने तोक्यो ओलंपिक के लिए जाने वाली भारत की 26 सदस्यीय ट्रैक एवं फील्ड टीम से अपील की कि वे दबाव का लुत्फ उठायें और इसे अपने ऊपर हावी नहीं होने दें। तेंदुलकर ने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) के साथ खिलाड़ियों को ऑनलाइन विदाई दी।

वर्चुअल कार्यक्रम में तेंदुलकर ने एथलीटों से कहा कि वे ओलंपिक में पदक जीतने के अपने सपने का बिना रुके पीछा करें।

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘काफी लोग कहते हैं कि खेल में हार और जीत होती है लेकिन मेरा संदेश है कि हार आपके विरोधी की हो और आप जीत दर्ज करें। आपको पदक जीतने की कोशिश करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अपने सपनों का पीछा करना मत छोड़िए और आपका सपना गले में पदक पहनना, राष्ट्रगान का बजना और तिरंगे का लहराना होना चाहिए।’’

ट्रैक एवं फील्ड दल में 47 सदस्य शामिल हैं जिसमें 26 खिलाड़ियों के अलावा 11 कोच, आठ सहयोगी स्टाफ, एक टीम डॉक्टर और एक टीम नेतृत्वकर्ता है।

यह दल 23 जुलाई को तोक्यो के लिए रवाना होगा।

तेंदुलकर ने कहा कि दबाव सभी खेलों में खिलाड़ी का साथी है और यह अहम है कि इसका इस्तेमाल बेहतर प्रदर्शन के लिए किया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘आपके बेहतर प्रदर्शन से लोगों की उम्मीदें बढ़ी हैं। यह अच्छी चीज है। मैंने हमेशा दबाव और लोगों की अपेक्षाओं का आनंद उठाया है। आपको इसे सकारात्मक ऊर्जा में बदलना होगा।’’

एथलेटिक्स की स्पर्धाओं का आयोजन  30 जुलाई से आठ अगस्त तक किया जाएगा। भारत को भाला फेंक के खिलाड़ी नीरज चोपड़ा से पदक की उम्मीद है।

पदक के दावेदार स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने तेंदुलकर की बातों से सहमति जताते हुए कहा कि एथलीटों के अच्छे प्रदर्शन की वजह से देश की उम्मीदें उनसे बढ़ी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ देश को हमसे उम्मीदें हैं क्योंकि हमने बेहतर प्रदर्शन किया है। हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और पदक जीतकर उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।’’

तेंदुलकर ने अपने शानदार क्रिकेट करियर के साथ एथलीटों की समानताएं दिखाते हुए कहा, ‘‘ जब भारत ने 1983 में विश्व कप जीता था तब मैं छोटा बच्चा था और मैं एक दिन उस ट्रॉफी को उठाना चाहता था।’’

इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘वह दिन 2011 में आया था और तब तक कोई मेजबान देश विश्व कप विजेता नहीं बना था। वह मेरे जीवन का सबसे अच्छा क्षण था। आप इससे अधिक हासिल करने की इच्छा नहीं कर सकते।’’

      उन्होंने एथलीटों को अपने करियर में बुरे समय का सामना मजबूती से करने की सलाह भी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इसका सामना तब किया था जब मेरी टेनिस एल्बो और कंधे की सर्जरी हुई थी। मैं वापसी करने के लिए मैच खेलना चाहता था और इसके लिए मैं इंग्लैंड गया था।’’

एएफआई के अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने भी उम्मीद जताई कि एथलेटिक्स टीम इस बार ओलंपिक पदक जीत सकती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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