तालिबान ने अफगानिस्तान में आईपीएल प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया

By भाषा | Published: September 21, 2021 07:44 PM2021-09-21T19:44:09+5:302021-09-21T19:44:09+5:30

Taliban bans IPL broadcast in Afghanistan | तालिबान ने अफगानिस्तान में आईपीएल प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया

तालिबान ने अफगानिस्तान में आईपीएल प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया

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नयी दिल्ली, 21 सितंबर तालिबान शासित अफगानिस्तान ने स्टेडियमों में ‘महिला दर्शकों’ की मौजूदगी को लेकर देश में बेहद लोकप्रिय इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।

तालिबान ने पिछले महीने जब से इस संघर्षग्रस्त देश पर कब्जा किया है तब से अंतरराष्ट्रीय खेल समुदाय खेलों में भाग लेने वाली महिलाओं पर कट्टरपंथी समूह के रुख को लेकर चिंतित है।

अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (एसीबी) के पूर्व मीडिया मैनेजर और पत्रकार एम इब्राहिम मोमंद ने कहा कि कथित ‘इस्लामी विरोधी’ सामग्री के कारण आईपीएल मैचों के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

मोमंद ने रविवार को आईपीएल शुरू होने पर ट्वीट किया था, ‘‘ कथित तौर पर इस्लाम विरोधी सामग्री के कारण अफगानिस्तान नेशनल (टीवी) हमेशा की तरह आईपीएल का प्रसारण नहीं करेगा । तालिबान इस्लामिक अमीरात ने लड़कियों के नृत्य और स्टेडियम में खुले बालों वाली महिलाओं की मौजूदगी के कारण इस पर प्रतिबंध लगाया है।’’

एक अन्य पत्रकार फवाद अमन ने ट्वीट किया, ‘‘हास्यास्पद: तालिबान ने अफगानिस्तान में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया है।’’

फवाद के ट्विटर हैंडल के अनुसार उन्होंने रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में भी काम किया है। उन्होंने आगे लिखा, ‘‘तालिबान ने चेतावनी दी है कि लड़कियों के नृत्य करने और स्टेडियम में महिला दर्शकों की मौजूदगी के कारण अफगानिस्तान में मीडिया को इस भारतीय क्रिकेट लीग का प्रसारण नहीं करना चाहिए।’’

राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब उर रहमान जैसे अफगानिस्तान के शीर्ष क्रिकेटर आईपीएल 2021 में हिस्सा ले रहे हैं।

आईपीएल का दूसरा चरण रविवार को संयुक्त अरब अमीरात में चेन्नई सुपर किंग्स और गत चैंपियन मुंबई इंडियंस के बीच मैच के साथ फिर से शुरू हुआ।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के नये खेल प्रमुख ने पिछले सप्ताह कहा था कि तालिबान 400 खेलों की अनुमति देगा लेकिन उसने महिलाओं की भागीदारी पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

उसने कहा था, ‘‘कृपया महिलाओं के बारे में अधिक प्रश्न न पूछें।’’

इस चरमपंथी समूह के 1996 से 2001 तक के शासन के दौरान महिलाओं के किसी भी खेल को खेलने पर प्रतिबंध था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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