सेंचुरियन, 29 दिसंबर कप्तान डीन एल्गर के संघर्ष के बावजूद जसप्रीत बुमराह के आखिरी क्षणों में लिये गये दो विकेट की मदद से भारत ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के चौथे दिन बुधवार को यहां जीत की अपनी संभावनाओं को पंख लगाये।
दक्षिण अफ्रीका ने 305 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए चौथे दिन का खेल समाप्त होने तक अपनी दूसरी पारी में एक विकेट पर 94 रन बनाये हैं। वह अब लक्ष्य से 211 रन दूर है। भारत ने अपनी दूसरी पारी में 174 रन बनाये थे।
सेंचुरियन में सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड इंग्लैंड के नाम पर है जिसने 2000-01 में चौथी पारी में 251 रन बनाकर जीत दर्ज की थी। मौसम विभाग ने हालांकि गुरुवार को मैच के पांचवें दिन बारिश की भविष्यवाणी की है।
भारत ने पहली पारी में 327 रन बनाकर दक्षिण अफ्रीका को 197 रन पर आउट करके 130 रन की बढ़त हासिल की थी।
सुपरस्पोर्ट पार्क में चौथे दिन भी गेंदबाजों की तूती बोली। दिन भर में 13 विकेट गिरे लेकिन वह एल्गर थे जिन्होंने ऐसी परिस्थितियों में खेलने के लिये जरूरी एकाग्रता का अच्छा नमूना पेश किया। वह अभी 52 रन पर खेल रहे हैं। बुमराह (22 रन देकर दो) ने हालांकि उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
मोहम्मद शमी (29 रन देकर एक) ने बुमराह के साथ नयी गेंद संभाली और अपनी तीसरी गेंद पर ही एडेन मार्कराम (एक) को बोल्ड किया। कीगन पीटरसन (17) आउट होने वाले अगले बल्लेबाज थे।
पीटरसन ने एल्गर के साथ 12 ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया था लेकिन मोहम्मद सिराज (25 रन देकर एक) की आउटस्विंगर उनकी समझ से परे थी जिस पर उन्होंने विकेट के पीछे कैच दिया।
एल्गर के साथ रासी वान डर डुसेन ने अगले 23 ओवर तक दृढ़ता से बल्लेबाजी की। इस बीच कुछ गेंदें बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में आगे गिरी। ऐसे में बुमराह की तेजी से अंदर आती गेंद ने वान डर डुसेन (65 गेंदों पर 11 रन) का ऑफ स्टंप थर्राकर भारत को महत्वपूर्ण सफलता दिलायी। इसके बाद उन्होंने नाइटवाचमैन केशव महाराज (आठ) को बोल्ड किया।
इससे पहले भारत की तरफ से दूसरी पारी में ऋषभ पंत ने सर्वाधिक 34 रन बनाये जबकि उसके बाद दूसरा बड़ा स्कोर अतिरिक्त रन (27) का था। दक्षिण अफ्रीका के लिये कैगिसो रबाडा (42 रन देकर चार), मार्को जेनसन (55 रन देकर चार) और लुंगी एनगिडी (31 रन देकर दो) ने विकेट लिये।
रन बनाने के लिये जूझ रहे भारत के तीनों मुख्य बल्लेबाजों कप्तान विराट कोहली (18), चेतेश्वर पुजारा (16) और अंजिक्य रहाणे (20) ने गैरजिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपने विकेट गंवाये तो केएल राहुल (74 गेंदों पर 23 रन), पंत और रविचंद्रन अश्विन (14) शार्ट पिच गेंदों का शिकार बने।
भारत ने सुबह एक विकेट पर 16 रन से आगे खेलते हुए पहले सत्र में टिककर बल्लेबाजी की। इस बीच उसने 63 रन जोड़े तथा नाइटवाचमैन शार्दुल ठाकुर (10) और पहली पारी के शतकवीर राहुल के विकेट गंवाये। उसने अपने बाकी बचे सात विकेट दूसरे सत्र में गंवाये और इस बीच 95 रन जोड़े।
राहुल ने ऑफ स्टंप से बाहर की कई गेंदों को छोड़ा। इस बीच एनगिडी की तेजी से उठती एक गेंद उनकी उंगलियों पर लगी जिसके लिये उन्हें चिकित्सा मदद लेनी पड़ी। इससे उनकी एकाग्रता भंग हुई और एनगिडी की ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर उन्होंने पहली स्लिप में खड़े एल्गर को कैच दे दिया।
कोहली अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन लंच के बाद पहली गेंद पर ढीला शॉट खेलकर उन्होंने जेनसन को अपना विकेट इनाम में दिया।
पुजारा ने ऑफ स्टंप की बाहर की गेंदों को छोड़ा। उन्हें पहले सत्र में रबाडा ने जीवनदान भी दिया। पुजारा इसका फायदा नहीं उठा पाये और एनगिडी की लेग साइड की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर क्विंटन डिकॉक के सुरक्षित हाथों में चली गयी।
रहाणे ने जेनसन की लगातार गेंदों पर दो चौकों और एक छक्का जड़कर अपना आत्मविश्वास दिखाया लेकिन इसी गेंदबाज की ऑफ स्टंप से बाहर जा रही शार्ट पिच गेंद पर लेग साइड पर लगाया गया उनका हुक नियंत्रित नहीं था जिसे रॉसी वान डर डुसेन ने बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर आसानी से कैच किया।
अश्विन एक बार डीआरएस के सहारे क्रीज पर टिके रहे लेकिन दूसरे अवसर पर तीसरे अंपायर का फैसला भी उनके खिलाफ गया। पंत ने अपनी पारी में छह चौके लगाये लेकिन रबाडा की शार्ट पिच गेंद पर पुल करने की अनिश्चितता में वह मिड ऑन पर कैच दे बैठे। इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगी।
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