सोनिया ने कांग्रेस में अनुशासन और एकजुटता पर जोर दिया, नफरत के खिलाफ ‘वैचारिक युद्ध’ छेड़ेगी पार्टी

By भाषा | Published: October 26, 2021 07:44 PM2021-10-26T19:44:01+5:302021-10-26T19:44:01+5:30

Sonia stresses on discipline and solidarity in Congress, party will wage an 'ideological war' against hatred | सोनिया ने कांग्रेस में अनुशासन और एकजुटता पर जोर दिया, नफरत के खिलाफ ‘वैचारिक युद्ध’ छेड़ेगी पार्टी

सोनिया ने कांग्रेस में अनुशासन और एकजुटता पर जोर दिया, नफरत के खिलाफ ‘वैचारिक युद्ध’ छेड़ेगी पार्टी

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नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक अहम बैठक में मंगलवार को पार्टी के भीतर अनुशासन एवं एकजुटता बनाए रखने पर जोर दिया और कहा कि कांग्रेस में राज्य स्तर के नेताओं के बीच नीतिगत मुद्दों पर स्पष्टता एवं समन्वय का अभाव दिखता है।

पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि देश में व्यापक सदस्यता अभियान चलाने के साथ ही ‘भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से तैयार किए गए नफरत के माहौल’ के खिलाफ प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिये ‘वैचारिक युद्ध’ छेड़ा जाएगा तथा भाईचारे को बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी पार्टी के भीतर एकजुटता पर जोर दिया।

बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘सच्चे कांग्रेसी एक दूसरे की कमज़ोरी नहीं, ताक़त हैं।’’

पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तथा अन्य महासचिव, प्रभारी एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष शामिल हुए।

इस बैठक के बाद कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक में तीन निर्णय लिये गये हैं। पहला यह है कि विशाल सदस्यता अभियान चलाया जाएगा...कांग्रेस के लोग हर गांव, वार्ड और मोहल्ले में सदस्यता फार्म लेकर जाएंगे और ज्यादा से ज्यादा लोगों को कांग्रेस से जोड़ेंगे।’’ उन्होंने कहा कि इस सदस्यता अभियान को दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, किसान और महिलाओं की ‘पीड़ा’ से जोड़ा जाएगा।

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘इस बैठक में दूसरा फैसला यह किया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से देश में, भाजपा एवं आरएसएस द्वारा पैदा किए गए नफरत के माहौल के खिलाफ वैचारिक युद्ध शुरू किया जाएगा।’’

उनके मुताबिक, ‘‘आज नफरत और बंटवारे की बात हो रही है। अगर भाजपा औेर मोदी जी की नीति पर सवाल कर दिया तो जेल में ठूंस दीजिए। एक क्रिकेटर (मोहम्मद शमी) को उसके धर्म के आधार पर निशाना बनाया जा रहा है। इसी नफरत के माहौल के खिलाफ लड़ाई लड़नी है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ बैठक में राहुल गांधी ने कहा और यह निर्णय भी लिया गया है कि जमीनी स्तर पर जन आंदोलन किया जाएगा। अर्थव्यवस्था की स्थिति, बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ 14 से 29 नवंबर के बीच जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा।’’

सुरजेवाला ने कहा, ‘‘कांग्रेस की इस विशेष बैठक में शामिल लोगों ने स्वीकार किया कि आज भाजपा और आरएसएस का नफरत का एजेंडा देश के संविधान और लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है । भाजपा / आरएसएस ने भारत मां को जख्म दिया है। इस जख्म को भरने के लिए ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की परंपरा के अनुसार भाईचारे को आगे बढ़ाने की लड़ाई लड़ी जाएगी।’’

बैठक में अपने संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हमें भाजपा / आरएसएस के द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार के खिलाफ लड़ना है। अगर यह लड़ाई जीतनी है तो हमें पूरे संकल्प के साथ यह करना होगा और जनता के समक्ष उनके झूठ को बेनकाब करना होगा।’’

उन्होंने जोर देकर कहा, ‘‘अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी रोजाना विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण और विस्तृत बयान जारी करती है। परंतु यह अनुभव किया गया है कि ब्लॉक और जिला स्तर के हमारे कार्यकर्ताओं तक यह नहीं पहुंचता। नीतिगत मुद्दे हैं जिन पर पर मुझे स्पष्टता एवं समन्वय के अभाव का पता चलता है तथा यह हमारे राज्य स्तर के नेताओं के बीच भी है।’’

सोनिया गांधी ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘आने वाले महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता कमर कस रहे हैं। हमारा चुनाव अभियान समाज के सभी तबकों के साथ चर्चा के बाद सामने आई ठोस नीतियों एवं कार्यक्रमों के आधार पर होना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं फिर इस बात पर जोर देना चाहूंगी कि अनुशासन और एकजुटता की जरूरत है। आप और हम सबके लिए यह मायने रखता है कि संगठन मजबूत हो। यह व्यक्तिगत आकांक्षाओं से ऊपर होना चाहिए। इसी में सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों सफलताएं निहित हैं।’’

सोनिया गांधी की ओर से पार्टी नेताओं को एकजुटता और अनुशासनहीनता के बारे में दी गई नसीहत के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की बात संचार विभाग के प्रमुख के तौर पर उनके लिए भी थी और पार्टी के सभी लोगों के लिए थी क्योंकि वैचारिक लड़ाई में एक स्वर होना जरूरी है।

सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस सभी नेताओं को सोनिया गांधी की नसीहत को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए।

कांग्रेस अध्यक्ष ने पिछले दिनों कार्य समिति की बैठक में भी विरोधी स्वर उठाने वाले नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा था कि वह ही कांग्रेस अध्यक्ष हैं तथा उनसे बात करने के लिए मीडिया का सहारा लेने की जरूरत नहीं है।

बैठक में चुनाव के मुहाने पर खड़े राज्यों के प्रभारियों एवं प्रदेश अध्यक्षों ने चुनाव की तैयारियों को लेकर जानकारी पेश की।

सूत्रों ने के मुताबिक, सोनिया गांधी ने सदस्यता अभियान में पूरी पारदर्शिता बरतने पर जोर दिया।

यह बैठक कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सदस्यता अभियान, महंगाई के मुद्दे पर जन-जागरण अभियान तथा संगठनात्मक चुनाव के लिए तय किये गए कार्यक्रमों की पृष्ठभूमि में हुई।

गत 16 अक्टूबर को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में संगठनात्मक चुनाव का कार्यक्रम तय करने के साथ ही यह निर्णय लिया गया था कि आगामी एक नवंबर से कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएगी, जो अगले साल 31 मार्च तक चलेगा। इसके साथ ही फैसला हुआ था कि 14 से 29 नवंबर के बीच महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा।

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