हवाई अड्डे से सीधे अपने वालिद की कब्र पर फूल चढाने पहुंचे सिराज

By भाषा | Published: January 21, 2021 07:47 PM2021-01-21T19:47:07+5:302021-01-21T19:47:07+5:30

Siraj arrives at the airport to offer flowers to the grave of his father | हवाई अड्डे से सीधे अपने वालिद की कब्र पर फूल चढाने पहुंचे सिराज

हवाई अड्डे से सीधे अपने वालिद की कब्र पर फूल चढाने पहुंचे सिराज

googleNewsNext

हैदराबाद, 21 जनवरी आस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की ऐतिहासिक जीत के सूत्रधारों में रहे मोहम्मद सिराज स्वदेश लौटने पर अपने घर जाने से पहले मरहूम पिता की कब्र पर फूल चढाने गए ।

सिराज उस समय आस्ट्रेलिया में थे जब उनके अब्बा ने आखिरी सांस ली । दो महीने से उन्हें अंतिम विदाई देने का इंतजार कर रहे सिराज आज उनकी कब्र पर पहुंचकर भावुक हो गए । उन्होंने वहां फूल चढाये और नमाज पढी ।

आटो रिक्शा चलाने वाले सिराज के पिता का 53 वर्ष की उम्र में 20 नवंबर को फेफड़े की बीमारी से निधन हो गया । इससे एक सप्ताह पहले ही सिराज भारतीय टीम के साथ आस्ट्रेलिया पहुंचे थे । उन्हें घर लौटने का विकल्प दिया गया लेकिन वह टीम के साथ रूके ।

सिराज ने वापसी के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ मेरे लिये यह मुश्किल था । मैं बहुत दुखी था । मैने घर पर अपनी मां और परिवार से बात की जिन्होंने मेरा सहयोग किया । उन्होंने मुझसे अब्बा का सपना पूरा करने के लिये कहा । मेरी मंगेतर ने भी मुझे प्रेरित किया । पूरी टीम ने मेरा साथ दिया ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैं सीधे उनकी कब्र पर गया और फूल चढाये । यह भावुक पल था क्योंकि मैं उनके अंतिम संस्कार के समय नहीं था । मैं वहां गया और कुछ देर अपने अब्बा के साथ बैठा ।’’

उन्होंने मेलबर्न में दूसरे टेस्ट में इस प्रारूप में पदार्पण किया और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत के लिये सर्वाधिक 13 विकेट चटकाये । उन्होंने घर लौटने की बजाय आस्ट्रेलिया में टीम के साथ रहकर अपने पिता का सपना पूरा किया ।

सिराज ने कहा ,‘‘ मैं जैसे ही घर पहुंचा, मेरी मां रोने लगी । मैने उनके सामने मजबूत बने रहने की कोशिश की । उन्हें ढांढस बंधाया और संभाला । यह अलग ही तरह का अहसास था ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैने हर विकेट अब्बा को समर्पित किया । सिडनी में मयंक अग्रवाल और मेरा जश्न उनको समर्पित था ।’’

सिराज के भाई मोहम्मद इस्माइल ने तब कहा था ,‘‘ मेरे मरहूम वालिद का ख्वाब था कि सिराज भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेले । वह उसे हमेशा नीली और सफेद जर्सी में देखना चाहते थे । उनका सपना पूरा हुआ।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in app