एसएलसी और शीर्ष खिलाड़ियों के बीच वेतन विवाद

By भाषा | Published: May 21, 2021 07:42 PM2021-05-21T19:42:32+5:302021-05-21T19:42:32+5:30

Salary dispute between SLC and top players | एसएलसी और शीर्ष खिलाड़ियों के बीच वेतन विवाद

एसएलसी और शीर्ष खिलाड़ियों के बीच वेतन विवाद

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कोलंबो, 21 मई टेस्ट कप्तान दिमुथ करूणारत्ने के अलावा दिनेश चांदीमल और एंजेलो मैथ्यूज की अगुआई में श्रीलंका के शीर्ष क्रिकेटरों ने श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) द्वारा दिए गए केंद्रीय अनुबंध पर हस्ताक्षर से इनकार कर दिया है क्योंकि उनका मानना है कि अन्य देशों की तुलना में इनकी राशि काफी कम है।

अगर इस विवाद का हल समय पर नहीं निकला तो इसे जुलाई में भारत के खिलाफ होने वाली श्रीलंका की द्विपक्षीय श्रृंखला प्रभावित हो सकती है। तीन वनडे और इतने ही टी20 मैचों की श्रृंखला से एसएलसी की अच्छी खासी कमाई होने की उम्मीद है जो पैसों की तंगी से जूझ रहा है।

करूणारत्ने, मैथ्यूज, चांदीमल और अन्य सहित लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने कहा कि जिस वेतन की पेशकश की गई है वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स संघों के महासंघ (फिका) की रिपोर्ट के अनुसार क्रिकेट खेलने वाले कुछ अन्य देशों की तुलना में एक तिहाई है।

एसएलसी ने इस हफ्ते कहा था कि 24 प्रमुख खिलाड़ियों को चार वर्ग में अनुबंध की पेशकश की गई है और अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए उनके पास तीन जून तक का समय है।

सिर्फ छह खिलाड़ियों को ए वर्ग में जगह मिली है और उनका वार्षिक वेतन 70,000 से 100,000 डॉलर के बीच है। बल्लेबाज धनंजय डिसिल्वा को सर्वाधिक एक लाख डॉलर मिलेंगे जबकि बाकी खिलाड़ियों को 70000 से 80,000 डॉलर का भुगतान किया जाना है।

तुलना की जाए तो भारत में ग्रुप सी (सबसे निचला वर्ग) का केंद्रीय अनुबंध हासिल करने वाले खिलाड़ी को भी एक करोड़े रुपये यानी लगभग 137000 डॉलर की राशि मिलती है।

श्रीलंका के खिलाड़ियों ने संयुक्त बयान में कहा कि वे खिलाड़ियों के भुगतान का विशिष्ट विवरण सार्वजनिक करने के एसएलसी के फैसले से स्तब्ध हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राशि का खुलासा किया जाना प्रत्येक खिलाड़ी की सुरक्षा को गंभीर खतरा है।’’

एसएलसी की क्रिकेट सलाहकर समिति के अध्यक्ष अरविंद डिसिल्वा ने कहा है कि उन्हें खिलाड़ियों के अतीत के प्रदर्शन के कारण कड़े फैसले करने को बाध्य होना पड़ा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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