रमन के हटने से नीतू डेविड की चयन समिति के साथ मदनलाल की अगुवाई वाली सीएसी पर उठे सवाल

By भाषा | Published: May 14, 2021 03:41 PM2021-05-14T15:41:44+5:302021-05-14T15:41:44+5:30

Raman's withdrawal raises questions over Madanlal-led CAC with Neetu David's selection committee | रमन के हटने से नीतू डेविड की चयन समिति के साथ मदनलाल की अगुवाई वाली सीएसी पर उठे सवाल

रमन के हटने से नीतू डेविड की चयन समिति के साथ मदनलाल की अगुवाई वाली सीएसी पर उठे सवाल

googleNewsNext

नयी दिल्ली, 14 मई पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन के भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच पद से हटने के बाद मदन लाल की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) और नीतू डेविड की अगुवाई वाली चयन समिति भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के निशाने पर आ गये है।

रमन की कोचिंग में भारतीय महिला टीम ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची थी। उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों में से एक माना जाता है। मदनलाल, सुलक्षणा नाइक और पूर्व तेज गेंदबाज आरपी सिंह की सीएसी ने उनकी जगह इस जिम्मेदारी के लिए फिर से रमेश पोवार को चुना। पोवार को इस पद से 2018 में हटा दिया गया था।

मदन लाल की समिति पर लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबित आयोग्य होने के सवाल उठ रहे हैं।

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ मादी पाजी (मदन लाल) ने इस साल 20 मार्च 2021 को अपना 70वां जन्मदिन मनाया था। बीसीसीआई ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों में कुछ सुधारों के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में 70 साल की आयु-सीमा को हटाने की मांग नहीं की है। ऐसे में मदन लाल को सीएसी की बैठक में बैठने की अनुमति कैसे दी गई?’

इसी तरह सीएसी की एक अन्य सदस्य सुलक्षणा नाइक मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष संजय नाइक की छोटी बहन है। पोवार हाल ही में सैयद मुश्ताक अली टी20 घरेलू टूर्नामेंट में मुंबई के कोच थे।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि जिस तरह से आठ उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिये गये उससे पता चलता है कि नाइक ने पहले ही मन बना लिया था कि महज एक खराब श्रृंखला के बाद रमन को कोच बरकारार नहीं रखना है। वह इस बात को भी जानती थी कि टीम चयन में उनकी कोई भूमिका नहीं है। टीम का चयन नाइक की पूर्व टीम साथी नीतू डेविड के अगुवाई वाली समिति करती है।

सूत्र ने बताया, ‘‘ रमन से एक आश्चर्यचकित करने वाला सवाल पूछा गया कि जिस टीम का गठन पोवार ने किया है उसके टी20 विश्व कप के फाइनल में पहुंचने का श्रेय वह कैसे ले सकते है।’’

इस सवाल से ही पता चल जाता है कि पोवार का कोच बनना लगभग तय था।

उन्होंने सवाल उठाया, ‘‘ अगर पोवार और मिताली राज के बीच समस्या थी और उस समय पोवार को हटाया जाना सही नहीं था तो क्या दो गलती को एक सही फैसले में बदला जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ नाइक ने रमन की सफलता का श्रेय जिस तरह से पोवार को दिया क्या उसी तरह पोवार को रमन की तैयार की हुई टीम नहीं मिल रही। ’’

इससे पहले दक्षिण अफ्रीका श्रृंखला के दौरान टीम चयन को लेकर रमन और नीतू डेविड के बीच मतभेद हुए थे।

पीटीआई भाषा को कई सूत्रों से पता चला है कि रमन ने युवा बल्लेबाजी सनसनी शेफाली वर्मा को एकदिवसीय श्रृखंला और अनुभवी तेज गेंदबाज शिखा वर्मा में टी20 अंतरराष्ट्रीय एवं एकदिवसीय श्रृंखला के लिए नहीं चुने जाने पर नाराजगी जतायी थी।

इस मामले पर रमन और नीतू की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी लेकिन वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ क्या आपको पता है कि शिखा और शेफाली को हटाने के लिए किस तरह के तर्क दिये गये थे? यह तुलना करने से भी परे है। ’’

चयनकर्ताओं ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन में शिखा का वजन बढ़ गया है लेकिन उन्हें जब यह साबित करने के लिए कहा गया तो वह ऐसा नहीं कर सकीं।

उन्होंने बताया कि शेफाली के खराब क्षेत्ररक्षण का हवाला देते हुए उसे एकदिवसीय टीम में नहीं चुना गया। इस पर कोच रमन ने सवाल किया, ‘‘ अगर खराब क्षेत्ररक्षण के कारण एकदिवसीय में जगह नहीं मिलती तो फिर टी20 टीम में क्यों, टी20 में क्षेत्ररक्षण का और ज्यादा महत्व है।’’

टीम में सी प्रत्युशा और बायें हाथ की मध्यम गति की गेंदबाज मोनिका पटेल के चयन पर भी सवाल उठे। दोनों का संबंध बेंगलुरु स्थित फाल्कॉन क्लब से है। बीसीसीआई शीर्ष समिति में शामिल शांता रंगास्वामी इसकी सदस्य और संस्थापक सचिवों में से एक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम उनके चयन पर सवाल नहीं उठा रहे लेकिन यह बुरे संयोग की तरह है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मैं केवल यही उम्मीद करूंगा कि सौरव गांगुली और जय शाह इन बातों पर ध्यान देंगे। हमें इस साल विश्व कप खेलना है। दोनों को अब से हर चयन बैठकों पर नजर रखनी चाहिए। रमन ने गलत चयनों की कीमत चुकाई है।’’

ज्यादातर लोग मानते है कि अपने समय में कलात्मक बल्लेबाल रहे रमन ने कोच के तौर पर अच्छा काम किया लेकिन विरोधियों ने उन पर अभ्यास सत्र के दौरान ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया।

रमन विरोधी खेमे के एक सदस्य ने कहा, ‘‘ कुछ खिलाड़ियों ने आरोप लगाया कि अभ्यास के दौरान वह कई बार वहां से हट जाते थे। कुछ खिलाड़ियों को लगता था कि किसी-किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन की सराहना नहीं करते थे। राजेश्वरी गायकवाड़ लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही थी लेकिन रमन ने कभी उनकी तारीफ नहीं की।’’

उन्होंने बताया कि रमन ने पहले ही पदार्पण कर चुकी विकेटकीपर बल्लेबाज नुजहत परवीन को ‘डेब्यू कैप’ यानी पदार्पण टोपी दी थी जो उनकी लापरवाही को दर्शाता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in app