रहाणे की कप्तानी पारी से भारत के नाम रहा दूसरा दिन

By भाषा | Published: December 27, 2020 01:07 PM2020-12-27T13:07:42+5:302020-12-27T13:07:42+5:30

Rahane captaincy innings named India second day | रहाणे की कप्तानी पारी से भारत के नाम रहा दूसरा दिन

रहाणे की कप्तानी पारी से भारत के नाम रहा दूसरा दिन

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मेलबर्न, 27 दिसंबर कप्तान अजिंक्य रहाणे के मुश्किल परिस्थितियों में लगाये गये आकर्षक सैकड़े और रविंद्र जडेजा के साथ उनकी शतकीय साझेदारी से भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के दूसरे दिन रविवार को यहां अपनी पहली पारी में पांच विकेट पर 277 रन बनाये।

नियमित कप्तान विराट कोहली के पितृत्व अवकाश पर स्वदेश लौट जाने के कारण विषम परिस्थितियों में कप्तानी का जिम्मा संभालने वाले रहाणे ने एक कुशल सेनापति की तरह आगे बढ़कर नेतृत्व किया। वह अभी 104 रन बनाकर क्रीज पर डटे हुए हैं। उन्हें जडेजा (नाबाद 40) के रूप में अच्छा साथी मिला जिसके साथ उन्होंने छठे विकेट के लिये अभी तक 104 रन जोड़े हैं। भारत ने मैच के पहले दिन आस्ट्रेलिया को पहली पारी में 195 रन पर आउट कर दिया था। इस तरह से भारतीय टीम को अब 82 रन की बढ़त मिल चुकी है। भारत इसमें अधिक से अधिक इजाफा करना चाहेगा तथा यह बढ़त पिच की प्रकृति और टीम के मजबूत आक्रमण को देखते हुए निर्णायक साबित हो सकती है। भारत एडीलेड में पहला मैच आठ विकेट से गंवाने के कारण श्रृंखला में 0-1 से पीछे चल रहा है।

रहाणे ने शुरू में सतर्क रवैया अपनाया लेकिन वह जल्द ही वह अपने असली रंग में आ गये और उन्होंने गेंदबाजों का दबदबा नहीं बनने दिया। जोश हेजलवुड पर उन्होंने पहला विश्वसनीय शॉट लगाया और इसके बाद पूरे आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी की। उनके ड्राइव और लेट कट देखने लायक थे। हेजलवुड पर खूबसूरत कवर ड्राइव से उन्होंने अपना 12वां टेस्ट शतक पूरा किया। वह आस्ट्रेलियाई सरजमीं पर शतक जड़ने वाले पांचवें भारतीय कप्तान बने।

जब अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (45), अनुभवी चेतेश्वर पुजारा (17), हनुमा विहारी (21) और ऋषभ पंत (29) क्रीज पर पर्याप्त समय बिताने के बावजूद लंबी पारी नहीं खेल पाये तब रहाणे ने पूरी दृढ़ता और संकल्प के साथ बल्लेबाजी करके आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को बैकफुट पर भेजकर भारत को जोरदार वापसी दिलायी।

जडेजा की तारीफ करनी होगी जिन्होंने अपने बल्लेबाजी कौशल का अच्छा नमूना पेश किया और तब अपने कप्तान का अच्छा साथ दिया जबकि टीम को एक बड़ी साझेदारी की सख्त जरूरत थी। जडेजा ने स्वयं पर अंकुश लगाये रखा और विकेट बचाये रखने को प्राथमिकता दी जो कि तब बेहद जरूरी था। रहाणे ने अब तक 200 गेंदों का सामना करके 12 चौके लगाये हैं जबकि जडेजा की 104 गेंद की पारी में एक चौका शामिल है।

भारत ने पहले दो सत्रों में दो-दो विकेट गंवाये थे लेकिन तीसरे सत्र में उसने आस्ट्रेलिया को कोई सफलता नहीं मिलने दी और इसमें उसके लचर क्षेत्ररक्षण का भी योगदान रहा।

आस्ट्रेलिया ने 80 ओवर पूरे होने के बाद नयी गेंद ली। रहाणे तब 73 रन पर खेल रहे थे। मिशेल स्टार्क (61 रन देकर दो) को नयी गेंद से पहले ओवर में ही रहाणे का विकेट मिल जाता लेकिन स्टीव स्मिथ ने कैच छोड़ दिया। भारतीय कप्तान को शतक पूरा करने के बाद भी स्टार्क की शार्ट पिच गेंद पर फिर से जीवनदान मिला। इस बार ट्रेविस हेड कैच नहीं लपक पाये जिसके बाद बारिश के कारण दिन का खेल जल्दी समाप्त कर दिया गया।

भारत ने सुबह एक विकेट पर 36 रन से आगे खेलना शुरू किया और सतर्क शुरुआत की लेकिन पैट कमिन्स (71 रन देकर दो) ने कल के अविजित बल्लेबाजों गिल और पुजारा को 11 गेंद के अंदर पवेलियन भेज दिया।

अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे 21 वर्षीय गिल ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर 65 गेंद की अपनी पारी में कुछ उम्दा शॉट लगाये। पुजारा ने हमेशा की तरह सतर्क बल्लेबाजी की और 70 गेंदों का सामना किया।

गिल सुबह आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। उन्होंने कमिन्स की गेंद पर पेन को आसान कैच दिया। कमिन्स ने अपने अगले ओवर में पुजारा को पवेलियन भेजकर आस्ट्रेलिया को महत्वपूर्ण सफलता दिलायी। कमिन्स की कोण लेती गेंद पुजारा के बल्ले को चूमकर पेन के दस्तानों में चली गयी जिन्होंने डाइव लगाकर खूबसूरत कैच लिया।

इसके बाद विहारी और पंत भी अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाये। रहाणे ने विहारी के साथ 52 और पंत के साथ 57 रन की दो अर्धशतकीय साझेदारियां की जिससे टीम को संभलने में मदद मिली।

विहारी ने आफ स्पिनर नाथन लियोन की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर स्वीप करने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया। पंत अच्छी लय में दिख रहे थे तब मिशेल स्टार्क की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटकीपर टिम पेन के दस्तानों में चली गयी। यह पेन का टेस्ट मैचों में 150वां शिकार और स्टार्क का 250वां विकेट था।

इससे पहले सुबह दिन की पहली गेंद पर ही कप्तान पेन को लगा कि वह गिल के बल्ले का किनारा लेकर गयी है। उन्होंने निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का सहारा लिया लेकिन उनका अनुमान गलत निकला और आस्ट्रेलिया ने एक ‘रिव्यू’ गंवा दिया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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