मेलबर्न के हर कोने में आज भी जीवित हैं शेन वार्न, 53 साल की उम्र में थाईलैंड में हुआ था निधन

शेन वार्न के निधन को नौ महीने बीत गए हैं लेकिन इस दिग्गज लेग स्पिनर की यादें आज भी मेलबर्न की गलियों से लेकर समुद्र तट और क्रिकेट मैदान तक हर जगह जीवित हैं।

क्रिकेट के सबसे बड़े मनोरंजनकर्ता वार्न की मेलबर्न की भावनाओं, जोश और जश्न में हर जगह जीवंत उपस्थिति नजर आती है।

चाहे वह सेंट किल्डा क्रिकेट क्लब का मैदान हो जहां उन्होंने क्रिकेट और लेग स्पिन कला का ककहरा सीखा था या फिर ब्राइटन का समुद्र तट जहां वह धूप स्नान के लिए जाते थे। शेन वार्न का 53 साल की उम्र में थाईलैंड में निधन हो गया था लेकिन मेलबर्न की यादों में वह हमेशा जीवित रहेंगे।

मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) के बाहर आदम कद प्रतिमा लगी है जिसमें वह लेग स्पिन करते हुए नजर आते हैं। एक प्रशंसक ने वार्न को श्रद्धांजलि के तौर पर डालगाटी लेन में अपने घर की दीवार पर एक भित्ति चित्र बनवाया है। और कोई आश्चर्य नहीं कि यह धीरे-धीरे एक पर्यटन स्थल बनता जा रहा है। लेकिन वार्न को समझने के लिए दक्षिण मेलबर्न स्थित सेंट किल्डा क्रिकेट क्लब जाना जरूरी है जहां उन्होंने लेग स्पिन की कला सीखी थी। मेलबर्न की ग्रेड क्रिकेट में युवा वार्न हीरो हुआ करते थे।

वार्न के भाई जैसन ने पुरानी यादों को ताजा करते हुए कहा, ‘‘हमने बचपन में एक दूसरे के साथ क्रिकेट से लेकर अन्य सभी खेल खेले। वह हमेशा गेंद को अधिक से अधिक स्पिन कराने की कोशिश करता था। अपनी किशोरावस्था में वह लगातार ऐसा करता रहा। वह नैसर्गिक खिलाड़ी था और हर खेल में वह अच्छा प्रदर्शन करता था।’’ जैसन जब अपने भाई के बारे में बात कर रहा था तो अपने भाई को खोने का दर्द उनके चेहरे पर साफ झलक रहा था।

उन्होंने कहा,‘‘ जिस किसी ने भी अपने परिवार का कोई सदस्य खोया होगा वह इस दर्द को समझ सकता है।’’ जैसन अपने भाई के बिजनेस मैनेजर के रूप में काम करता था और वार्न की मौत के बाद उन्होंने महीनों तक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर कदम नहीं रखा जहां उनके भाई ने कई यादगार प्रदर्शन किए थे। उन्होंने कहा,‘‘ मैं असल में पिछले सप्ताह ही उनकी मेमोरियल में भाग लेने के लिए एमसीजी गया। यह पहला अवसर था जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम शेन वार्न स्टैंड के सामने मैच खेल रही थी। यह वास्तव में बेहद भावनात्मक पल था।’’