(एम जुल्करनैन)
लाहौर, 28 जुलाई पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मानहानि के एक मामले में आखिरकार जवाब दाखिल कर दिया है और एक ‘‘साझा मित्र’’ की पहचान कर ली है, जिसने उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में पनामा पेपर्स मामला वापस लेने के लिए शाहबाज शरीफ की ओर से 1,000 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी।
खान ने 2017 में आरोप लगाया था कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शाहबाज ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में पनामा पेपर्स मामले को वापस लेने के लिए एक ‘‘साझा मित्र’’ (कॉमन फ्रेंड) के माध्यम से उन्हें 1,000 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।
खान ने उस समय शाहबाज की ओर से रिश्वत की पेशकश करने वाले व्यक्ति की पहचान का खुलासा नहीं किया था।
शाहबाज (69) नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। खान के आरोप के बाद, शाहबाज ने क्रिकेटर से नेता बने खान के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
मानहानि के मुकदमे के जवाब में मंगलवार को लाहौर सत्र अदालत को एक लिखित जवाब में, प्रधानमंत्री खान ने उमर फारूक के रूप में शरीफ के खिलाफ पनामा पेपर्स मामले को वापस लेने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की पेशकश करने वाले व्यक्ति के नाम का खुलासा किया।
प्रधानमंत्री के वकील ने अदालत को बताया, ‘‘एक साझा मित्र उमर फारूक ने इमरान खान को यह पेशकश की थी।’’
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एम फरीद ने सुनवाई चार अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी। चार वर्षों में, खान की कानूनी टीम ने कम से कम 50 सुनवाई पर स्थगन की मांग की।
शाहबाज ने अपनी याचिका में अदालत से ‘‘अपमानजनक’’ टिप्पणी के मुआवजे के रूप में 1,000 करोड़ रुपये की वसूली के लिए एक ‘डिक्री’ जारी करने का अनुरोध किया था ।
इस बीच बुधवार को एक बयान में, पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने विपक्षी नेता के खिलाफ निराधार आरोप लगाने के लिए प्रधानमंत्री खान से माफी मांगने की मांग की।
गौरतलब है कि पनामा पेपर्स मामले के मद्देनजर जुलाई 2017 में उच्चतम न्यायालय ने शरीफ को अयोग्य घोषित कर दिया था। बाद में उन्हें भ्रष्टाचार के दो मामलों - एवेनफील्ड संपत्तियों और अल-अजीजिया में दोषी ठहराया गया था और सात साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।