लोकपाल नियुक्ति का मामला : हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के कामकाज के तरीके से नाराज है न्यायालय, जांच के पक्ष में

By भाषा | Published: October 21, 2021 07:24 PM2021-10-21T19:24:50+5:302021-10-21T19:24:50+5:30

Ombudsman appointment case: Court is angry with the functioning of Hyderabad Cricket Association, in favor of investigation | लोकपाल नियुक्ति का मामला : हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के कामकाज के तरीके से नाराज है न्यायालय, जांच के पक्ष में

लोकपाल नियुक्ति का मामला : हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के कामकाज के तरीके से नाराज है न्यायालय, जांच के पक्ष में

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नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन नीत हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के कामकाज और शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश दीपक वर्मा की बतौर लोकपाल नियुक्ति को लेकर विवाद पर बृहस्पतिवार को नाराजगी जतायी और कहा कि वह इस संबंध में जांच का आदेश दे सकता है।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा, ‘‘क्रिकेट कहीं और चला गया है और राजनीति की प्रधानता हो गयी है।’’ उन्होंने कहा कि वह उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश या उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा इस पूरे मुद्दे की जांच का आदेश दे सकते हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हम जांच करने के लिए कुछ अच्छे लोगों, उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के कुछ सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को नियुक्त करेंगे। दोनों समूहों (एचसीए के) को जाने दें... उन्हें प्रबंधन से बाहर निकलना होगा। इसकी सीबीआई जांच की जरुरत है। वे न्यायपालिका को भी इसमें घसीटना चाहते हैं।’’

सामान्य तरीके से हुई संक्षिप्त सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पीठ ने एचसीए के घटनाक्रमों पर नाराजगी जतायी और एचसीए के एक पक्ष की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश खन्ना से कहा कि वह न्यायमूर्ति वर्मा से कहें कि वह लोकपाल के नाते कोई आदेश पारित नहीं करें क्योंकि उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है।

पीठ ने कहा, ‘‘कृपया न्यायमूर्ति वर्मा से कहें कि वह कोई आदेश पारित नहीं करें। उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है और इसके बावजूद वह आदेश पारित कर रहे हैं... हम इसे बुधवार के लिए सूचीबद्ध करेंगे। हमें कुछ नाम तय करने दें (जांच करने के लिए पूर्व न्यायाधीशों के नाम)।’’

उच्चतम न्यायालय हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन और उसके सदस्य ‘बडिंग स्टार क्रिकेट क्लब’ द्वारा तेलंगाना उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।

उच्च न्यायालय ने छह अप्रैल के अपने फैसले में हैदराबाद दीवानी अदालत के फैसले को दरकिनार कर दिया था। दीवानी अदालत ने न्यायमूर्ति वर्मा को एचसीए का न्यायमित्र सह नैतिकता अधिकारी नियुक्त करने के हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के फैसले पर रोक लगा दी थी।

न्यायमूर्ति वर्मा की नियुक्ति को बरकरार रखते हुए उच्च न्यायालय ने ‘‘फर्जीवाड़ा करने के लिए अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग करने पर ’’ एचसीए के सचिव आर. विजयनंद को फटकार लगायी थी।

लोकपाल के रूप में न्यायमूर्ति वर्मा की नियुक्ति को लेकर एचसीए दो हिस्सों में बंटा हुआ है और एचसीए से जुड़े ‘बडिंग स्टार क्रिकेट क्लब’ ने इस संबंध में दीवानी अदालत में मुकदमा किया है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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