प्रतिस्पर्धी मैचों में नहीं खेलने से असर पड़ता है, लेकिन आपको हल निकालना होता है : राहुल

By भाषा | Published: March 25, 2021 05:06 PM2021-03-25T17:06:53+5:302021-03-25T17:06:53+5:30

Not playing competitive matches has an effect, but you have to solve: Rahul | प्रतिस्पर्धी मैचों में नहीं खेलने से असर पड़ता है, लेकिन आपको हल निकालना होता है : राहुल

प्रतिस्पर्धी मैचों में नहीं खेलने से असर पड़ता है, लेकिन आपको हल निकालना होता है : राहुल

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पुणे, 25 मार्च केएल राहुल तीन महीने तक प्रतिस्पर्धी मैच नहीं खेल पाने के कारण कुंद पड़ गये थे लेकिन दायें हाथ के इस बल्लेबाज को अपनी तैयारियों पर पूरा भरोसा था जिसके कारण वह इंग्लैंड के खिलाफ यहां पहले वनडे के दौरान फार्म में वापसी करने में सफल रहे।

राहुल टी20 श्रृंखला में रन बनाने के लिये जूझते रहे लेकिन पहले वनडे में उन्होंने अर्धशतक बनाने के अलावा अच्छी विकेटकीपिंग भी की।

राहुल ने दूसरे वनडे की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से कहा, ‘‘एक बल्लेबाज होने के नाते मुझे लगता है कि मैच खेलने से मैं अच्छी लय में रहता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं क्रीज पर जितना अधिक समय बिताना चाहता था उतना समय मुझे नहीं मिला। मेरे कहने का मतलब यह नहीं है कि यह बात मेरे दिमाग में थी। आप चाहे अभ्यास करो या नेट सत्र में समय बिताओ आपको अच्छी तरह से तैयार रहने का रास्ता खोजना पड़ता है।’’

राहुल ने कहा, ‘‘इस लिहाज से मैंने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ तैयारी की लेकिन मैच खेलते हुए जो समय बिताया जाता है उसका कोई सानी नहीं। ’’

ऋषभ पंत की सीमित ओवरों की टीम में वापसी और इशान किशन के मौकों का फायदा उठाने के कारण राहुल समझते हैं कि खेल के छोटे प्रारूपों में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद वह टीम में अपना स्थान पक्का नहीं मान सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप इस भारतीय टीम का हिस्सा होते हो तो जानते हो कि प्रतिस्पर्धा वास्तव में कड़ी है और आप कभी अपने स्थान को लेकर सहज होकर नहीं बैठ सकते। आपको हमेशा चुनौती का सामना करना होगा। ’’

राहुल ने कहा, ‘‘हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है और आपको हमेशा अपने खेल पर काम करना होता है। आपको जो भी मौका मिलता है उसका पूरा फायदा उठाना होता है। ’’

उन्होंने कहा कि खराब दौर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर के करियर का हिस्सा है और वह इसको लेकर परेशान नहीं थे।

राहुल ने कहा, ‘‘यह करियर का हिस्सा है और हर कोई इससे गुजरता है। मैंने कुछ भी अलग हटकर नहीं किया और मैं बहुत तनाव में नहीं था। एक खिलाड़ी के रूप में आप निराश हो सकते हैं जैसे कि मैं लंबे समय तक बाहर बैठा रहा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन तीन या साढ़े तीन महीने के बाद मैं भी टीम के हर खिलाड़ी की तरह अच्छा प्रदर्शन करना चाहता था। अगर ऐसा नहीं होता है तो आप इसे स्वीकार करते हो।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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