PCB प्रमुख ने BCCI के फैसले पर उठाया सवाल, कहा- 'सरकार की स्वीकृति' का प्रावधान अनुबंध में क्यों नहीं

फिलहाल दोनों देश 50 ओवर के विश्व कप, चैंपियन्स ट्राफी, विश्व टी20 या एशिया कप जैसी कई टीमों की प्रतियोगिताओं में ही एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं।

By भाषा | Published: April 23, 2018 11:18 PM

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कोलकाता, 23 अप्रैल। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख नजम सेठी ने बीसीसीआई के साथ द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने के कथित अनुबंध में ‘केंद्र सरकार से स्वीकृति’ का प्रावधान नहीं डालने के भारतीय क्रिकेट बोर्ड के फैसले पर सवाल उठाए।

बीसीसीआई के अधिकारियों ने 2015 से 2023 के बीच आठ साल में पांच द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने के लिए दोनों बोर्ड के बीच हस्ताक्षर किए गए एक पन्ने के पत्र को हमेशा 'एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट' करार दिया है जबकि पीसीबी इसे सहमति पत्र (एमओयू) कहता आया है।

पीसीबी ने 2014 के सहमति पत्र का उल्लंघन करते हुए द्विपक्षीय श्रृंखला खेलने से इनकार करने पर भारत के खिलाफ सात करोड़ डॉलर के मुआवजे का दावा किया है। तीन सदस्यीय आईसीसी पैनल अक्तूबर में इस दावे पर सुनवाई करेगा।

फिलहाल दोनों देश 50 ओवर के विश्व कप, चैंपियन्स ट्राफी, विश्व टी20 या एशिया कप जैसी कई टीमों की प्रतियोगिताओं में ही एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं।

सेठी ने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान आता है या पाकिस्तान भारत जाता है तो राजनीतिक हालात के कारण वे सुरक्षा चाहते हैं। लेकिन अगर हम तीसरे देश में खेलते हैं तो सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है, जो हम कहते आ रहे हैं। हमें अपने घरेलू मैच यूएई में खेलते हैं।

उन्होंने कहा कि लेकिन बीसीसीआई को यह सुनिश्चित करने में दिक्कत है कि वे ऐसा कर सकते हैं। वे कहते हैं कि उनके पास सरकार की स्वीकृति नहीं है। हमारी स्थिति यह है कि आपको सरकार की स्वीकृति की जरूरत क्यों है। हम सरकार से स्वीकृति नहीं लेते। आईसीसी क्रिकेट बोर्ड के मामलों में सरकार का हस्तक्षेप नहीं चाहता।

पीसीबी प्रमुख ने कहा कि वैसे भी अगर सरकार की स्वीकृति इतना बड़ा मुद्दा है तो अनुबंध पर हस्ताक्षर करते हुए आपको इसे अनुबंध में डालना चाहिए था, आपने ऐसा नहीं किया तो फिर समस्या क्या है। 

सेठी ने कहा कि सबसे पहले तो दोनों देशों को उपमहाद्वीप के लोगों के लिए आपस में खेलना चाहिए। दूसरी बात, गेंद बीसीसीआई के पाले में है। उम्मीद करते हैं कि समय रहते सही कदम उठाया जाएगा और दोनों टीमें दोबारा अच्छा क्रिकेट खेल पाएंगी। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि हमें इसका अच्छा हल निकालना ही होगा।

सेठी ने कहा कि पंचाट के आदेश के अनुसार मुझे इस मुद्दे पर चर्चा करने की आजादी नहीं है। इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। यह पंचाट का आदेश है। उन्होंने कहा कि इस पर फैसला पंचाट को करना है। बेशक यह ऐसा मामला है जो अभी लंबित है और इंतजार करना होगा कि इसका क्या नतीजा निकलता है।

सेठी ने कहा कि देखिये, फिलहाल भारत ने किसी भी मैच में पाकिस्तान को जगह नहीं दी है। हमारी स्थिति यह है कि हम जिस भी करार पर हस्ताक्षर करेंगे वह पंचाट के फैसले पर निर्भर करेगा। अगर पंचाट इसे हमारे पक्ष में रखता है तो इसके अनुसार एफटीपी में बदलाव करना होगा।

पीसीबी अध्यक्ष का साथ ही मानना है कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट दोबारा शुरू करने में मीडिया को अहम भूमिका निभानी चाहिए क्योंकि 2008 से सिर्फ एक द्विपक्षीय दौरा हुआ है। यह दौरा दिसंबर 2012 और जनवरी 2013 में हुआ था जब पाकिस्तान दो टी20 और तीन एकदिवसीय मैच खेलने के लिए भारत आया था।

सेठी ने कहा कि मैं हैरान हूं कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध दोबारा शुरू करने को लेकर यहां भारत में मीडिया का काफी दबाव नहीं है। मुझे यकीन है कि दोनों देशों के लोग इन दोनों देशों के बीच क्रिकेट देखना चाहते हैं। दोनों तरफ काफी सद्भावना है इसलिए उम्मीद करते हैं कि प्रशंसकों के हित में इस मुद्दे को सुलझाया जाएगा। दोनों बोर्ड के बीच कोई मतभेद नहीं है। कोई समस्या नहीं है।

पाकिस्तान के आलराउंडर शाहिद अफरीदी ने हाल में भविष्यवाणी की थी कि लोकप्रिय पाकिस्तान सुपर लीग बहुत बड़ी होगी और यह लुभावनी इंडियन प्रीमियर लीग को भी पीछे छोड़ देगी। सेठी ने अफरीदी के बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन कहा कि वे पीएसएल को स्वदेश में कराने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं।

सेठी ने कहा कि 2018 एमर्जिंग टीम एशिया कप की पाकिस्तान और श्रीलंका में सहमेजबानी उनके देश में दोबारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट शुरू होने की दिशा में उम्मीद की किरण है।

एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष सेठी ने कहा, कि इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम यह है कि एसीसी सहमत हो गया है कि एमर्जिंग एशिया कप का कुछ हिस्सा पाकिस्तान और कुछ हिस्सा श्रीलंका में होगा। हम उम्मीद कर रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच सब कुछ सामान्य हो जाएगा।

सेठी ने कहा कि गेंद से छेड़छाड़ या मैच फिक्सिंग जैसी किभी भी तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ पीसीबी का रवैया सख्त है और आईसीसी को कड़े कदम उठाने चाहिए।

आईसीसी के चेयरमैन के रूप में शशांक मनोहर का सेवा विस्तार यहां आईसीसी के सदस्य देशों के बीच चर्चा के अहम बिंदुओं में से एक है और जब सेठी से पूछा गया कि क्या वह सर्वसम्मत पसंद होंगे तो पीसीबी प्रमुख ने कहा कि समय आने पर वे मतभेद दूर कर लेंगे।

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