नवी मुंबईः दिल्ली की सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। 23 अंतरराष्ट्रीय मैच में 1000 रन पूरे कर लिए। इस दौरान 7 अर्धशतक और 2 शतक पूरे किए हैं। शायद भारत को वह शीर्ष क्रम बल्लेबाज मिल गया है, जिसकी पहले तलाश थी। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अंपायर की बेटी और मनोविज्ञान की स्नातक प्रतिका ने भारत के लिए अपने करियर की शानदार शुरुआत की है। शीर्ष क्रम में अनुभवी शेफाली वर्मा की जगह लेने वाली 24 वर्षीय इस खिलाड़ी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पर दबाव महसूस किया था। आईसीसी विश्व कप रावल ने मुंबई में 122 रन की पारी खेली, जिसमें 13 चौके और 2 छक्के शामिल हैं। इस दौरान 134 गेंद का सामना किया।
दोनों सलामी बल्लेबाजों ने एकदिवसीय विश्व कप की पारी में शतक बनाए-
लिन थॉमस, एनिड बेकवेल (इंग्लैंड) बनाम अंतरराष्ट्रीय-XI, होव, 1973
लिंडसे रीलर, रूथ बकस्टीन (ऑस्ट्रेलिया) बनाम नीदरलैंड, पर्थ, 1988
स्मृति मंधाना, प्रतीक रावल (भारत) बनाम न्यूजीलैंड, मुंबई DYP, 2025।
लेकिन विचारों की स्पष्टता और अपनी काबिलियत पर आत्मविश्वास ने उन्हें हर मैच के साथ बेहतर होने में सक्षम बनाया। प्रतिका ने कम समय में ही ऊंची उड़ान भरी है। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज अमिता शर्मा ने दिल्ली की मुख्य चयनकर्ता के रूप में प्रतिका के करियर पर करीबी नजर रखी। वह वेस्टइंडीज और आयरलैंड के खिलाफ प्रतिका के शानदार प्रदर्शन से बिल्कुल भी हैरान नहीं हैं।
भारत की ओर से अब तक की सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक अमिता ने कहा, ‘‘प्रतिका ने इस सत्र से रेलवे के लिए खेलना शुरू किया लेकिन मैंने उसे तब से खेलते देखा है जब वह पांच-छह साल पहले दिल्ली क्रिकेट में आयी थी। वह हमेशा अपने कौशल और कड़ी मेहनत के कारण सबसे अलग रही है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘उसके खेल की सबसे अच्छी बात यह है कि उसका रक्षण बहुत मजबूत है और अगर स्थिति की मांग होती है तो वह बड़े शॉट भी लगा सकती है जैसा उसने वेस्टइंडीज और आयरलैंड के खिलाफ किया था। हर पारी के साथ वह बेहतर होती गई। ’’
प्रतिका ने आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों में 50 से अधिक का स्कोर बनाया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन आखिरी वनडे के लिए बचाकर रखा जिसमें उन्होंने 129 गेंद में 154 रन बनाए और स्मृति मंधाना के साथ 233 रनों की साझेदारी कर भारत को पांच विकेट पर 435 रन के रिकॉर्ड स्कोर तक पहुंचाया था। विकेट के चारों ओर उनके स्ट्रोकप्ले ने कई लोगों का ध्यान खींचा है।
वह एक्स्ट्रा कवर से इनसाइड आउट ड्राइव खेलती हैं और साथ ही पुल और स्वीप का भी इस्तेमाल करती हैं। प्रतिका बास्केटबॉल में स्वर्ण पदक विजेता भी हैं। उनमें भले ही शेफाली जैसी ताकत नहीं दिखती हो लेकिन उनमें गेंद को सीमारेखा के पार पहुंचाने की एक दुर्लभ क्षमता है।
भारत के लिए 116 वनडे में 87 विकेट लेने वाली अमिता ने कहा, ‘‘उन्होंने टीम में शेफाली की जगह ली है इसलिए उनके साथ तुलना होगी। मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि वे दोनों बहुत अलग खिलाड़ी हैं। हालांकि इन दो श्रृंखला में वह छक्के जड़ने वाली हिटर के रूप में सामने नहीं आई है।
लेकिन मैं आपको बता सकती हूं कि वह शेफाली से ज्यादा लंबी दूरी तक गेंद मार सकती है। ’’ वह मनोविज्ञान की छात्रा रही है जिसने उसे स्पष्ट सोच के साथ खेलने में मदद की है जो उच्चतम स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।