विदेशों में घसियाली पिच मिलने पर हम कभी शिकायत नहीं करते है, मानसिकता बदलने की जरूरत: अक्षर

By भाषा | Updated: February 15, 2021 19:32 IST2021-02-15T19:32:46+5:302021-02-15T19:32:46+5:30

We never complain when we get a pitch in abroad, there is a need to change the mindset: Akshar | विदेशों में घसियाली पिच मिलने पर हम कभी शिकायत नहीं करते है, मानसिकता बदलने की जरूरत: अक्षर

विदेशों में घसियाली पिच मिलने पर हम कभी शिकायत नहीं करते है, मानसिकता बदलने की जरूरत: अक्षर

चेन्नई, 15 फरवरी टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले भारतीय हरफनमौला अक्षर पटेल ने स्पिनरों के लिए फायदेमंद पिचों की आलोचना को गलत करार देते हुए कहा कि जब विदेशों में हमें घसियाली पिच पर खेलना होता है तो हम कभी भी इसका शिकायत नहीं करते है और ऐसे में मानसिकता में बदलाव करने की जरूरत है।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकन वान ने दूसरे टेस्ट के दौरान चेपॉक की पिच को ‘कम तैयार’ करार दिया था लेकिन भारत ने दोनों पारियों में लगभग 180 ओवर की बल्लेबाजी की और इस दौरान दो बल्लेबाजों ने शतक तथा तीन ने अर्धशतक लगाया है ।

अक्षर ने कहा, ‘‘ अगर आप पिच के बारे में बात कर रहे हैं, तो मुझे नहीं लगता कि कोई भी गेंद हेलमेट से टकराई है। गेंद सामान्य तरीके से स्पिन हो रही है। हम (दोनों टीमें) एक ही पिच पर खेल रहे हैं और रन बना रहे हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि किसी को भी कोई समस्या होनी चाहिए।’’

अपना 50वां अंतरराष्ट्रीय (टेस्ट, टी20 अंतरराष्ट्रीय और एकदिवसीय)गुजरात के 27 साल के बायें हाथ के इस स्पिनर ने चेपॉक मैदान की पिच को खराब बताने पर इंग्लैंड की मीडिया और कमेंटेटरों पर कटाक्ष किया।

उन्होंने तीसरे दिन के खेल के बाद कहा, ‘‘ जब हम विदेश जाते हैं, तो हमने कभी भी तेज गेंदबाजों की मददगार पिच पर खेलते हुए ऐसी शिकायत नहीं की, कि पिच पर घास अधिक है। मुझे लगता है कि लोगों को विकेट के बारे में सोचने के बजाय अपनी मानसिकता को बदलना होगा।’’

अक्षर ने कहा कि इस पिच पर सफलता के लिए गेंद को पिच पर जोर से टप्पा खिलाना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इस पिच से स्पिनरों को मदद मिल रही है, ऐसे में आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। जब आप गेंद को पिच पर थोड़ा जो लगाकर टप्पा दिलाते है तभी आपको टर्न मिलता है।

अक्षर से जब पूछा गया कि क्या भारतीय टीम की बल्लेबाजी पिच की आलोचना करने वालों को जवाब है?, तो उन्होंने कहा, ‘‘ जब हम खेलते हैं, तो बाहरी दुनिया पर ज्यादा ध्यान नहीं होता है। हम एक संदेश देना चाहते हैं। हमने सामान्य क्रिकेट खेला। अगर यह चौथा दिन होता, तो हम पारी घोषित करने के बारे में सोचते लेकिन यह तीसरा दिन था और हमारे पास पर्याप्त समय था। हमें लगा कि देर तक बल्लेबाजी करनी चाहिए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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