नयी दिल्ली, 24 दिसंबर टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले भारत के पहले गेंदबाज और दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह ने शुक्रवार को अपने शानदार क्रिकेट करियर को अलविदा कह दिया।
पंजाब के 41 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने शानदार करियर में 103 टेस्ट में 417 विकेट, 236 एकदिवसीय मैचों में 269 विकेट और 28 टी 20 आई में 25 विकेट लिए है।
हरभजन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से यह कदम उनके दिमाग में था और अब वह इसकी घोषणा कर रहे है।
इस ऑफ स्पिनर ने ट्वीट किया, ‘‘ मैं उस खेल को अलविदा कह रहा हूं जिसने मुझे जीवन में सब कुछ दिया है, सभी अच्छी चीजें भी समाप्त हो जाती हैं। मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस 23 साल के लंबे सफर को बेहतरीन और यादगार बनाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ जालंधर की तंग गलियों से लेकर टीम इंडिया का ‘टर्बनेटर’ बनने तक का बीते 25 सालों का सफर खूबसूरत रहा है।’’
हरभजन ने 1998 में शारजाह में न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय मैच से अंतरराष्ट्रीय पदार्पण किया था। उन्होंने भारत के लिए मार्च 2016 में ढाका में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय में अपना आखिरी मैच खेला था।
उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय टीम में जर्सी (मैदान पर खेलते हुए) में संन्यास लेने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
उन्होंने अपने ट्वीट के साथ साझा किए गए यूट्यूब वीडियो में कहा, ‘‘सभी क्रिकेटरों की तरह, मैं भी भारतीय जर्सी में अलविदा कहना चाहता था, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ एक समय ऐसा आता है जब आपको कुछ मुश्किल फैसले लेने पड़ते हैं और जीवन में आगे बढ़ना होता है। मानसिक रूप से मैंने बहुत पहले ही संन्यास ले लिया था लेकिन इसकी घोषणा नहीं कर सका था। मैं कुछ समय से क्रिकेट में सक्रिय नहीं रहा हूं।’’
हरभजन ने कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए पिछले इंडियन प्रीमियर लीग के शुरूआती चरण के दौरान कुछ मैचों में भाग लिया था, लेकिन लीग के यूएई चरण में उन्हें मैदान में उतरने का मौका नहीं मिला।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं काफी समय से सक्रिय क्रिकेट नहीं खेल रहा हूं, लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ अपनी प्रतिबद्धता के कारण आईपीएल सत्र के दौरान उनके साथ रहना चाहता था। मैंने हालांकि सत्र के दौरान ही अपना मन बना लिया था।”
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने जिस भी टीम के लिए खेला है, यह सुनिश्चित किया है कि मैं हमेशा अपनी ओर से शत प्रतिशत प्रतिबद्धता दिखाऊ, जिससे मेरी टीम शीर्ष पर रहे। अब चाहे वह भारतीय टीम हो, चेन्नई सुपर किंग्स, मुंबई इंडियंस, कोलकाता नाइट राइडर्स, सरे या एसेक्स काउंटी हो।’’
उन्होंने मार्च 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 32 विकेट लिये थे , जिसमें एक भारतीय द्वारा पहली टेस्ट हैट्रिक भी शामिल थी। यह उनके शानदार करियर के सबसे यादगार पलों में से एक है। भारतीय टीम ने इस श्रृंखला को 2-1 से जीता था और यह क्रिकेट के जूनूनी इस देश की सबसे ऐतिहासिक यादों में से एक है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे अपने क्रिकेट करियर सबसे बड़ी खुशी तब मिली थी जब मैंने कोलकाता में हैट्रिक ली थी और मैं टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाला पहला भारतीय गेंदबाज बना था। मैंने तीन मैचों में 32 विकेट भी लिए थे, जो अब भी एक रिकॉर्ड है।’’
इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘ मेरे लिए 2007 (टी20) और 2011 (एकदिवसीय) विश्व कप जीत काफी मायने रखती है। मैं ऐसे यादगार पलों को अपने जीवन में नहीं भूल सकता और इस जीत के मायने को शब्दों में बयां नहीं कर सकता।’’
हरभजन ने इस वीडियो में अपने माता-पिता, अपने आध्यात्मिक गुरु, अपनी पत्नी और बच्चों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह अब उस समय की भरपाई करने की कोशिश करेंगे, जो वह अपनी क्रिकेट प्रतिबद्धताओं के कारण उनके साथ नहीं रह सके।
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे सपनों को पूरा करने के लिए मेरे माता-पिता ने कड़ी मेहनत की। अगर मैं फिर से जन्म लेता हूं, तो मैं उनके बेटे के रूप में ही जन्म लेना चाहता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी पत्नी गीता, तुम्हारा प्यार मुझे संपूर्ण बनाता है। तुमने मेरा सबसे सर्वश्रेष्ठ और सबसे बुरा दौर देखा है। अब यह शिकायत करने का मौका नहीं मिलेगा कि मैं तुम्हें समय नहीं देता हूं। मुझे खुशी है कि मेरे पास अपने बच्चों के लिए समय होगा और मैं उन्हें बड़ा होते हुए देखूंगा।
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