2012 में इंडिया को अंडर -19 विश्व चैंपियन बनाने वाले कैप्टन ने लिया संन्यास, USA के लिए अब खेलेंगे!

दिल्ली में जन्मे उन्मुक्त चंद ने भारत को अंडर -19 विश्व कप जीत दिलाने के लिए नाबाद 111 रन की पारी खेली थी।

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 13, 2021 05:47 PM2021-08-13T17:47:20+5:302021-08-13T17:48:53+5:30

Unmukt Chand led India to U-19 World Cup victory in 2012 announces retirement play usa  | 2012 में इंडिया को अंडर -19 विश्व चैंपियन बनाने वाले कैप्टन ने लिया संन्यास, USA के लिए अब खेलेंगे!

उन्मुक्त चंद ने मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स की ओर से आईपीएल खेल चुके हैं। 

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Highlightsउन्मुक्त चंद ने पोस्ट लिखकर बीसीसीआई और डीडीसीए को धन्यवाद दिया। सीनियर टीम में जगह बनाने में विफल रहे। कई देश के खिलाड़ी अमेरिका से खेलने के लिए अपने देश से संन्यास ले रहे हैं।

नई दिल्लीः 2012 में अंडर -19 विश्व कप जीत के लिए भारत का नेतृत्व करने वाले उन्मुक्त चंद ने संन्यास का फैसला किया है। उन्मुक्त चंद ने कहा कि शुक्रवार को बीसीसीआई को अलविदा कह देंगे और दुनिया भर में बेहतर अवसरों की तलाश करेंगे।

दिल्ली में जन्मे उन्मुक्त चंद ने भारत को अंडर -19 विश्व कप जीत दिलाने के लिए नाबाद 111 रन की पारी खेली थी। सीनियर टीम में जगह बनाने में विफल रहे। उन्मुक्त चंद ने पोस्ट लिखकर बीसीसीआई और डीडीसीए को धन्यवाद दिया। उन्होंने उन्हें कम उम्र में अवसर प्रदान किया।

हाल ही में कई देश के खिलाड़ी अमेरिका से खेलने के लिए अपने देश से संन्यास ले रहे हैं। श्रीलंका, पाकिस्तान सहित कई देश के प्लेयर वहां खेलने में रुचि दिखा रहे हैं। उन्मुक्त चंद भी उसी टीम में हिस्सा बनने जा रहे हैं। दिल्ली और उत्तराखंड जैसी टीमों के लिए खेलने वाले चंद ने यह कदम उठाया है।

इससे पहले उन्मुक्त चंद ने मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल्स की ओर से आईपीएल खेल चुके हैं। उन्मुक्त चंद से पहले स्मित पटेल भी यह कदम उठा चुके हैं। 2012 विश्व कप में दोनों साथी थे। स्मित पटेल ने मई में भारत छोड़ने का फैसला किया था।

उन्मुक्त चंद ने ट्वीट कर अपने संन्यास का ऐलान किया। कहा कि, "मैं भारत के लिए खेलने के सिर्फ एक सपने के साथ क्रिकेट खेलकर बड़ा हुआ हूं। इस खेल के लिए प्यार मेरे लिए बहुत शुद्ध रहा है और मैं इस रास्ते में कुछ मील के पत्थर हासिल करने के लिए आभारी हूं। अभी भी मुझे आगे बढ़ाना है, क्योंकि यात्रा अभी आधी है। "

भारत और दुनिया भर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से खेलने ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। मैं डीडीसीए को भी धन्यवाद देना चाहता हूं कि मुझे अपने करियर में इतनी जल्दी दिल्ली और भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने का मौका दिया।

इतने वर्षों से इन दिग्गजों के आसपास का समय मेरी अपनी यात्रा में महत्वपूर्ण रहा है। मैं अपने सभी साथी खिलाड़ियों, कोचों, सहयोगी स्टाफ को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। मैं इन यादों को हमेशा संजो कर रखूंगा।

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