कुलदीप यादव ने टेस्ट क्रिकेट को बताया बड़ी चुनौती, वनडे-टी20 में हैं ज्यादा सहज

कुलदीप यादव का कहना है कि वह सफेद गेंद के क्रिकेट में ज्यादा सहज हो चुके हैं और जिस प्रारूप को वह पसंद करते हैं, उसमें उन्हें और काम करने की जरूरत है।

By भाषा | Published: March 1, 2019 05:06 PM2019-03-01T17:06:59+5:302019-03-01T17:06:59+5:30

Tough switching from white-ball cricket to red-ball format, says Kuldeep yadav | कुलदीप यादव ने टेस्ट क्रिकेट को बताया बड़ी चुनौती, वनडे-टी20 में हैं ज्यादा सहज

कुलदीप यादव ने टेस्ट क्रिकेट को बताया बड़ी चुनौती, वनडे-टी20 में हैं ज्यादा सहज

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हैदराबाद, एक मार्च। भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री को लगता है कि कुलदीप यादव विदेशी परिस्थितियों में टेस्ट टीम के नंबर एक स्पिनर बन चुके हैं लेकिन इस बाएं हाथ के गेंदबाज का कहना है कि वह सफेद गेंद के क्रिकेट में ज्यादा सहज हो चुके हैं और जिस प्रारूप को वह पसंद करते हैं, उसमें उन्हें और काम करने की जरूरत है। 

चौबीस साल के कुलदीप ने ‘क्रिकइंफो’ से कहा, ‘‘अगर आप नियमित तौर पर सफेद गेंद से खेल रहे हो तो सामंजस्य बिठाना आसान हो जाता है। मैं सफेद गेंद के क्रिकेट में और सहज हो गया हूं, इसमें मुझे कोई दबाव नहीं महसूस होता। वनडे में किसी भी स्पिनर के लिए सीमित कोटा होता है इसलिए आपको उसी तरह से आक्रमण करने की जरूरत होती है। आप जब टीम के लिए प्रदर्शन कर रहे हो तो आपको हर बार खुद को चुनौती देने की जरूरत होती है।’’

पिछले 12 महीनों को देखते हुए कानपुर के इस क्रिकेटर को पता है कि प्रारूप के हिसाब से ढलना कितना कठिन होता है। 

उन्होंने कहा, ‘‘सफेद गेंद के क्रिकेट से लाल गेंद के क्रिकेट में ढलना काफी मुश्किल होता है। अगर आप लाल गेंद से क्रिकेट खेल रहे हो तो बतौर स्पिनर सांमजस्य बिठाना आसान होता है लेकिन मैं नियमित रूप से सफेद गेंद से खेलता हूं इसलिए जब लार्ड्स में मुझे मौका मिला तो मैं इससे निपटने के लिए तैयार नहीं था।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए लाल गेंद का क्रिकेट सबसे बड़ी चुनौती है। हर कोई टेस्ट क्रिकेट पसंद करता है और मैं भी इससे अलग नहीं हूं। मैं ड्यूक गेंद (इंग्लैंड में) फेंकने का आदि नहीं था इसलिये जब मैं लौटा तो मैंने अपने कोच (कपिल पांडे) के साथ सचमुच कड़ी मेहनत की। ’’ 

कुलदीप ने ऑस्ट्रेलिया में तुरंत प्रभावित करते हुए सिडनी में पांच विकेट चटकाए। वह इस श्रृंखला के पहले मैच खेले जिसे भारत ने 2-1 से अपने नाम किया। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगा, जैसे मैं पदार्पण कर रहा हूं। मैं वैसी गलतियां नहीं करना चाहता था जो मैंने लार्ड्स पर की थीं। मैंने योजना बनायी। जैसे उस्मान ख्वाजा आफ साइड का अच्छा खिलाड़ी है तो मैंने उसे कुछ रांग उन फेंकने की योजना बनायी। ’’ 

ऑस्ट्रेलिया के महान स्पिनर शेन वार्न से बातचीत से भी मदद मिली।

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