1983 विश्व कप की जीत की यात्रा और मेरे करियर में कई समानताएं हैं: पंकज त्रिपाठी

By भाषा | Published: December 12, 2021 04:32 PM2021-12-12T16:32:44+5:302021-12-12T16:32:44+5:30

There are many similarities between 1983 World Cup winning journey and my career: Pankaj Tripathi | 1983 विश्व कप की जीत की यात्रा और मेरे करियर में कई समानताएं हैं: पंकज त्रिपाठी

1983 विश्व कप की जीत की यात्रा और मेरे करियर में कई समानताएं हैं: पंकज त्रिपाठी

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मुंबई, 12 दिसंबर अभिनेता पंकज त्रिपाठी 1983 में भारतीय क्रिकेट टीम की जीत की यात्रा और अपने करियर की यात्रा में कई समानताएं देखते हैं। दोनों की ही यात्रा कुछ इस तरह शुरू हुई जिनके सपनों पर ज्यादा लोगों ने भरोसा नहीं किया लेकिन वे चैम्पियन बनकर निकले।

कपिल देव के नेतृत्व में भारतीय क्रिकेट टीम की 1983 में विश्व कप जीतने की यात्रा पर बनी फिल्म ’83’ में अभिनेता नजर आने वाले हैं। उस विश्व कप में भारत ने वेस्टइंडिज को फाइनल में हराकर पहला विश्व कप जीता था। त्रिपाठी इस फिल्म में पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और विश्व कप विजेता टीम के प्रबंधक पीआर मान सिंह के किरदार में हैं।

पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में 45 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि बिहार के बेलसंड गांव में उनके अभिनेता बनने के सपने पर कोई विश्वास नहीं करता था लेकिन क्रिकेट टीम की तरह ही उन्होंने अपना सपना साकार किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की ‘तुमसे न हो पाएगा’ वाली पंक्ति याद है। क्रिकेट टीम और मेरी एक ही तरह की यात्रा रही है। 83 की जो कहानी है और मेरी जो यात्रा है, वह यही है कि दुनिया में अजूबा हो सकता है।मैं जहां से आता हूं, वहां जब मैं मेरे गांव में लोगों को कहा करता था कि मैं अभिनेता बनना चाहता हूं तो वे न केवल हंसते थे बल्कि इस शक में पड़ जाते थे कि मैं पागल हो गया हूं।’’

त्रिपाठी मौजूदा समय के व्यस्त कलाकारों में से एक हैं लेकिन उन्होंने करीब एक दशक तक संघर्ष किया और अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की 2012 में आई फिल्म से उन्हें पहचान मिली और वह ‘न्यूटन’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘गुड़गांव’, ‘मसान’ , ‘स्त्री’ और सीरीज ‘मिर्जापुर’ में बेहतरीन अभिनेता साबित हुए।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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