नये सहयोगी सदस्यों के साथ भी मानसिकता पहले जैसी है: कोहली

By भाषा | Updated: December 6, 2021 13:27 IST2021-12-06T13:27:30+5:302021-12-06T13:27:30+5:30

The mindset is the same with the new associates as well: Kohli | नये सहयोगी सदस्यों के साथ भी मानसिकता पहले जैसी है: कोहली

नये सहयोगी सदस्यों के साथ भी मानसिकता पहले जैसी है: कोहली

मुंबई, छह दिसंबर विराट कोहली-राहुल द्रविड़ युग की शुरुआत न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में जीत के साथ हुई और कप्तान ने सोमवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज करने के बाद कहा कि टीम नये सहयोगी सदस्य भी उसी सोच और उद्देश्य का अनुसरण कर रहे हैं जैसा की पिछली व्यवस्था में किया जा रहा था।

पूर्व महान खिलाड़ी द्रविड़ ने मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री की जगह ली है , जबकि पारस म्हाम्ब्रे और टी दिलीप क्रमशः भरत अरुण और आर श्रीधर के स्थान पर नए गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच बने है।

न्यूजीलैंड को  दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन 372 रन के बड़े अंतर से हराने के बाद कोहली ने कहा, ‘‘ नये प्रबंधन के साथ भी हमारी मानसिकता वही है कि भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाना है। भारतीय क्रिकेट के मानकों को बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह हमेशा बढ़ता रहे।’’

  कोहली और शास्त्री ने एक सफल कप्तान-कोच संयोजन बनाया था जिसने विदेशों में कई टेस्ट श्रृंखलाओं में जीत दर्ज की थी।

कोहली ने कहा कि इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में मिली सफलता ने टीम के विदेश में खेलने के अनुभव और आत्मविश्वास को बढ़ाया है और भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका के आगामी दौरे पर पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतने के इरादे से उतरेगी।

भारत ने 1992 से अब तक दक्षिण अफ्रीका में तीन टेस्ट जीते हैं लेकिन टीम अभी तक वहां एक भी  श्रृंखला नहीं जीत पायी है। पिछले दौरे (2017-18) में उन्हें 1-2 से हार का सामना करना पड़ा।

भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘ दक्षिण अफ्रीका में हमें अच्छी चुनौती मिलेगी। हमने पिछली बार वही से विदेशी दौरे पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू किया था। इस का नतीजा ऑस्ट्रेलिया में मिला था। अब हमें विश्वास है कि हम कहीं भी जीत सकते हैं।’’

कोहली ने कहा, ‘‘ यह एक कठिन चुनौती है, जिसे हम सफलता हासिल करना चाहते हैं, हर कोई प्रेरित है। उम्मीद है कि हम दक्षिण अफ्रीका में उस तरह से खेल सकेंगे जिसके लिए हमें जाना जाता है। हम श्रृंखला जीत सकते हैं।’’

न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने कहा कि पहली पारी में 62 रन पर आउट होने के बाद उनकी टीम बैकफुट पर आ गयी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह हमारी तरफ से निराशाजनक प्रदर्शन था। शानदार प्रदर्शन करने के लिए भारत को श्रेय दिया जाना चाहिये। जब आप  62 रन पर आउट हो जाते है तो मैच में पिछड़ जाते है।  आप यहां हमेशा  पहले बल्लेबाजी करना चाहते हैं क्योंकि खेल के आगे बढ़ने के साथ बल्लेबाजी मुश्किल होती जाती है। यह ऐसा नतीजा नहीं था जैसा हमने सोचा था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ खिलाड़ी अलग-अलग परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हैं और हमारी टीम में काफी गहराई है। एजाज के लिए यह बहुत ही खास मैच है।खेल के इतिहास में केवल तीसरी बार किसी खिलाड़ी ने पारी में सभी 10 विकेट झटके है। ’’

टेस्ट टीम में वापसी करने वाले जयंत यादव ने मैच के चौथे दिन चार विकेट झटक कर इसे यादगार बनाया।

उन्होंने कहा, ‘‘ सुबह वानखेड़े की पिच में नमी थी और इससे मदद मिली, आप अंतर देख सकते थे और हमें बस सही क्षेत्रों में गेंदबाजी करनी थी।’’

कानपुर में खेले गये श्रृंखला के पहले मैच में पदार्पण पर शतक लगाने वाले श्रेयस अय्यर के लिए भी यह यादगार मौका है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसके (टीम में जगह) बारे में ज्यादा सोच नहीं रहा था। कई खिलाड़ी शानदार लय में है। मुझे उम्मीद है कि लय बनाये रखने में सफल रहूंगा। राहुल द्रविड़ से मुझे काफी आत्मविश्वास मिला। उनकी देख-रेख में मैं भारत ए में भी खेला हूं और वह समझ यहां भी जारी रही।

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