TEAM INDIA: कोच गंभीर को क्रिकेट की बिसात पर मोहरे खुलकर चलने का मौका?, विराट कोहली-रोहित शर्मा के जाने के बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम पर कब्जा

TEAM INDIA: बिशन सिंह बेदी, चैपल और कुंबले खुद चैम्पियन खिलाड़ी रहे हैं लेकिन उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उन्हें कप्तान के सहायक की भूमिका निभानी पड़ेगी।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 12, 2025 19:26 IST2025-05-12T19:25:35+5:302025-05-12T19:26:52+5:30

TEAM INDIA Coach gautam Gambhir chance move freely cricket chessboard takes over Indian dressing room after Virat Kohli and Rohit Sharma's departure | TEAM INDIA: कोच गंभीर को क्रिकेट की बिसात पर मोहरे खुलकर चलने का मौका?, विराट कोहली-रोहित शर्मा के जाने के बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम पर कब्जा

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Highlightsजॉन राइट, गैरी कर्स्टन और रवि शास्त्री को यह पता था और वे काफी सफल रहे।सूत्रों की मानें तो गंभीर पहले से तय करके आये थे कि टीम में ‘स्टार कल्चर’ खत्म करना है।मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर भी उनसे इत्तेफाक रखते थे।

TEAM INDIA: ग्रेग चैपल ने जब अपनी ताकत दिखानी चाही तो उन्हें पद छोड़ना पड़ा , अनिल कुंबले टीम के ‘सुपरस्टार कल्चर’ से परेशान होकर गए लेकिन लगता है कि गौतम गंभीर भारतीय क्रिकेट के वह बिरले मुख्य कोच हैं जिनके पास कप्तान से ज्यादा ताकत है । भारतीय क्रिकेट में ऐसे असंख्य उदाहरण हैं जब खिलाड़ियों की ताकत के सामने मजबूत कोचों को पीछे हटना पड़ा । बिशन सिंह बेदी, चैपल और कुंबले खुद चैम्पियन खिलाड़ी रहे हैं लेकिन उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उन्हें कप्तान के सहायक की भूमिका निभानी पड़ेगी।

जॉन राइट, गैरी कर्स्टन और रवि शास्त्री को यह पता था और वे काफी सफल रहे। विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन और रोहित शर्मा के संन्यास के बाद टेस्ट टीम में अब बड़े सितारे नहीं बचे हैं जिससे गंभीर को क्रिकेट की बिसात पर अपने मोहरे खुलकर चलने का मौका मिलेगा । बीसीसीआई के सूत्रों की मानें तो गंभीर पहले से तय करके आये थे कि टीम में ‘स्टार कल्चर’ खत्म करना है।

सूत्र ने कहा ,‘‘ गौतम गंभीर युग की शुरूआत अब हुई है । उन्होंने साफ तौर पर कहा था कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के नये चक्र में भारत को नये चेहरे चाहिये ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ टीम प्रबंधन में सभी को पता था कि टेस्ट प्रारूप में सीनियर खिलाड़ियों के भविष्य को लेकर गंभीर क्या सोचते हैं । मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर भी उनसे इत्तेफाक रखते थे।’’

भारतीय क्रिकेट में कप्तान हमेशा से सबसे मजबूत शख्स रहा है । सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी, कोहली और रोहित सभी की टीम चयन में निर्णायक भूमिका रही है । लेकिन गंभीर के दौर में ऐसा नहीं है । राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा की जोड़ी संक्षिप्त लेकिन प्रभावी रही । वहीं रोहित और गंभीर की जोड़ी कभी सहज नहीं दिखी ।

पहली बार मेगा सितारों की रवानगी में कोच की अहम भूमिका रही लेकिन फिर यह ताकत दुधारी तलवार भी है । समझा जाता है कि भारतीय क्रिकेट के बदलाव के इस दौर में गंभीर चाहते थे कि बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी और न्यूजीलैंड श्रृंखला जैसी विफलता के दोहराव से बचने के लिये उन्हें पूरी ताकत दी जाये । शुभमन गिल के रूप में उनके पास युवा कप्तान है जो उनकी सुनेगा ।

गिल स्टार हैं लेकिन उनका वह दर्जा नहीं है कि गंभीर के फैसलों और रणनीतियों पर सवाल उठा सके । एक ही खिलाड़ी उस कद का है और वह है जसप्रीत बुमराह लेकिन फिटनेस के खराब रिकॉर्ड के कारण उनका कप्तान बनना संभव नहीं । ऐसे में गंभीर के पास पूरी ताकत होगी लेकिन वनडे में उन्हें संभलकर काम करना होगा जिसमें रोहित और विराट की नजरें 2027 विश्व कप खेलने पर लगी होंगी । 

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