नयी दिल्ली, नौ मई स्टार स्पोर्ट्स ने कोविड संक्रमण के कारण बीच में निलंबित 14वें आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) क्रिकेट प्रतियोगिता के विज्ञापनदाताओं से कहा है कि वे अबतक खेले गये मैच के लिये ही पैसे दे। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
स्टार स्पोर्ट्स ने आईपीएल का टेलीविजन और डिजिटल अधिकार 2018-22 के लिये 16,348 करोड़ रुपये में खरीदा था। उसने 60 मैच की प्रतियोगिता के लिये प्रति मैच 54.5 करोड़ रुपये देने पर सहमति जतायी थी। महामारी के कारण इस साल निलंबित आईपीएल के केवल 29 मैच ही खेले जा सके।
उसने 14वें आईपीएल के लिये प्रसारित होने वाले मैचों को लेकर ‘स्लॉट’ की बिक्री विज्ञापनदाताओं को की थी।
अब प्रसारक कंपनी अपने टाइटल प्रायोजकों और प्रसारण समय खरीदने वाले विज्ञापनदाताओं से संपर्क कर उन्हें केवल खेले गये मैचों का ही पैसा देने को कहा है। साथ ही उन्हें यह भी विकल्प दिया है कि जब भी बीसीसीआई इस वर्ष प्रतियोगिता के बाकी मैंचों को खेलने की अनुमति देने का निर्णय करता है, उनके पास समझौता बनाये रखने का विकल्प है।
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘‘इस कठिन समय को देखते हुए स्टार स्पोर्ट्स अपने सभी विज्ञापनदाताओं और उनकी एजेंसियों से संपर्क कर अबतक खेले गये और मैच में दिखाये गये विज्ञापन के ही पैसे देने को कहा है। आपात योजना के तहत जब भी बीसीसीआई आईपीएल के बाकी मैचों को खेलने की अनुमति देने का निर्णय करता है, मौजूदा विज्ञापनदाताओं को समझौता बनाये रखने को लेकर पहली तरजीह दी जएगी। ’’
अगर बीसीसीआई बाकी मैच खेलने की अनुमति देता है, विज्ञापनदाताओं के पास विज्ञापन संबंधी समझौते से बाहर निकलने का विकल्प होगा।
सूत्र ने कहा, ‘‘इससे ब्रांड दूसरे चरण में होने वाले मैच में विज्ञापन दिखाकर उसका उपयोग कर सकेंगे। साथ ही पारदर्शिता उनके व्यावसायिक उद्देश्यों पर न्यूनतम प्रतिकूल प्रभाव सुनिश्चित करेगी।’’
उल्लेखनीय है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने खिलाड़ियों और टीम से जुड़े अन्य सदस्यों में कोविड संक्रमण फैलने के बाद आईपीएल टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता अनिश्चितकाल के लिये निलंबित कर दी।
इस साल आईपीएल के 60 मैचों में से 29 मैच खेले जा सके हैं।
स्टार स्पोर्ट्स ने आईपीएल 2021 के लिये विभिन्न श्रेणी में 18 प्रायोजकों को जोड़े थे जबकि ओटीटी मंच डिज्नी + हॉटस्टार से 14 प्रायोजक जुड़े थे।
कई विज्ञापनदाताओं ने अनिश्चितकाल के लिये आईपीएल निलंबित किये जाने से नुकसान का दावा किया है। हालांकि उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह कदम सही था।
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