सोरेन ने जेपीएससी को स्वायत्त संस्था बताया, भाजपा ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

By भाषा | Updated: December 20, 2021 20:49 IST2021-12-20T20:49:53+5:302021-12-20T20:49:53+5:30

Soren calls JPSC an autonomous body, BJP alleges corruption | सोरेन ने जेपीएससी को स्वायत्त संस्था बताया, भाजपा ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

सोरेन ने जेपीएससी को स्वायत्त संस्था बताया, भाजपा ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया

रांची, 20 दिसंबर झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सोमवार को लगातार तीसरे दिन झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) सिविल सर्विस परीक्षा के प्रारंभिक परिणामों में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर सदन के भीतर और बाहर जमकर हंगामा हुआ।

राज्य के मुख्य विपक्षी भाजपा ने पूरे मामले की जांच और आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को हटाने की मांग की, वहीं राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में दिये अपने जवाब में कहा कि जेपीएससी स्वायत्त संस्था है, उसकी परीक्षा या उसके परिणाम में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में कहा, ‘‘पहली बार जेपीएससी पीटी में बड़े पैमाने पर आदिवासी, दलित और पिछड़े छात्र सफल हुए हैं, तो मनुवादियों के पेट में दर्द हो रहा है, ऐसे ही लोग आंदोलन को हवा दे रहे हैं।’’

मुख्यमंत्री के इस बयान पर भाजपा समेत अन्य विपक्षी पार्टियों के सदस्य उत्तेजित हो गये और उन्होंने उनके बयान को परीक्षा देने वाले अन्य परीक्षार्थियों का अपमान बताया।

इससे पूर्व सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक इस मामले में अध्यक्ष के आसन के सम्मुख पहुंचकर हंगामा करने लगे। विपक्षी दल भाजपा और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के सदस्यों ने जेपीएससी पीटी परीक्षा में गड़बड़ी की सीबीआई जांच कराने और आयोग के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को बर्खास्त करने की मांग की। सदन के बाहर भी विधायकों ने अपनी मांगों से जुड़ी तख्तियां लेकर लगभग एक घंटे तक नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि चूंकि झारखंड राज्य क्रिकेट संघ में मुख्यमंत्री को समाहित किया गया है अतः मुख्यमंत्री अमिताभ चौधरी को बचा रहे हैं।

सदन में बहस के दौरान भाजपा के विधायक भानुप्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री का ये कहना बेहद आपत्तिजनक है कि जेपीएससी परीक्षा का विरोध करने वाले बाहरी हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान न्याय के लिए सड़क पर संघर्ष कर रहे छात्रों का अपमान है। आजसू के सुदेश महतो और भाजपा के विधायक अमर बाउरी ने इस मुद्दे पर सदन के भीतर मुख्यमंत्री से जवाब की मांग की।

शोर-शराबा कम हुआ तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले में जवाब देते हुए विपक्ष को ही निशाने पर लिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी की ‘डबल इंजन’ की सरकार राज्य में पूरे 5 साल तक चली, लेकिन जेपीएससी सिविल सर्विस की एक भी परीक्षा नहीं ली जा सकी। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इसके पहले भी भाजपा के शासन काल के दौरान ही जेपीएससी परीक्षाओं में इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई कि आयोग के अध्यक्ष तक को जेल जाना पड़ा।

उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार हमारी सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही है, तब इस मुद्दे पर भाड़े के लोगों को बुलाकर आंदोलन का दिखावा किया जा रहा है। जेपीएससी अपने निर्णयों के लिए स्वतंत्र है, उसके कार्यों में हमारी सरकार का कोई हस्तक्षेप या दबाव नहीं है।

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