सहवाग की प्रशंसक कमलप्रीत ‘कभी’ क्रिकेट टूर्नामेंट खेलना चाहती है लेकिन एथलेटिक्स पहला प्यार

By भाषा | Updated: July 31, 2021 19:12 IST2021-07-31T19:12:58+5:302021-07-31T19:12:58+5:30

Sehwag's fan Kamalpreet 'Kabhi' wants to play cricket tournament but athletics first love | सहवाग की प्रशंसक कमलप्रीत ‘कभी’ क्रिकेट टूर्नामेंट खेलना चाहती है लेकिन एथलेटिक्स पहला प्यार

सहवाग की प्रशंसक कमलप्रीत ‘कभी’ क्रिकेट टूर्नामेंट खेलना चाहती है लेकिन एथलेटिक्स पहला प्यार

... फिलेम दीपक सिंह...

नयी दिल्ली, 31 जुलाई ओलंपिक चक्का फेंक स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन के दम पर फाइनल में जगह पक्की करने वाली भारतीय एथलीट कमलप्रीत कौर वीरेन्द्र सहवाग की प्रशंसक है और ‘किसी दिन’ क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलना चाहती है लेकिन इसी शर्त पर की यह उनके ‘पहले जुनून (चक्का फेंक)’ के रास्ते में नहीं आये।

इस 25 साल की खिलाड़ी ने चक्का फेंक में 64 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के शनिवार को फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया। उन्होंने कहा कि उनमें एक बल्लेबाज के रूप में क्रिकेट खेलने की ‘स्वाभाविक प्रतिभा’ है।

कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान मनोवैज्ञानिक चुनौतियों से निपटने के लिए उन्होंने पिछले साल क्रिकेट में अपना हाथ आजमाना शुरू कर दिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं चक्का फेंक नहीं छोड़ रही हूं, यह मेरा पहला जुनून है। मैं सोमवार को पदक जीत कर भारतीय एथलेटिक्स संघ (एएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) का कर्ज चुकाना चाहती हूं। उन्होंने मेरे प्रशिक्षण, प्रतियोगिता के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है।’’

कमलप्रीत ने पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘ ओलंपिक के बाद मैं विश्व चैंपियनशिप (2022) और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतना चाहती हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं किसी दिन हालांकि कुछ क्रिकेट टूर्नामेंटों में खेलना चाहती हूं। वह (क्रिकेट) मेरा दूसरा जुनून है। मैं एथलेटिक्स जारी रखते हुए क्रिकेट भी खेल सकती हूं। मैंने अपने गांव और आसपास की जगहों पर क्रिकेट खेला है। मुझे लगता है कि मुझमें क्रिकेट खेलने की नैसर्गिक प्रतिभा है।’’

कमलप्रीत को बल्लेबाजी करना पसंद है और वह भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की प्रशंसक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे सहवाग या धोनी की तरह बल्लेबाजी करना पसंद है। उनके पास तकनीक कम है लेकिन वे किसी भी गेंदबाज के खिलाफ बड़े शॉट खेल सकते है। खासकर सहवाग की मुझे उनकी कई बेहतरीन पारियां याद हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मै सहवाग की वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली गयी दोहरी शतकीय पारी (2011 में इंदौर में 219 रन) और बांग्लादेश के खिलाफ एकदिवसीय विश्व कप (2011 में 140 गेंद में 175 रन) में खेली गयी पारियों को कभी नहीं भूल सकती हूं।’’

उन्होंने कहा कि मुझे सचिन तेंदुलकर और रोहित शर्मा की बल्लेबाजी भी पसंद है।

शनिवार को चक्का फेंक के इसी स्पर्धा में अनुभवी सीमा पूनिया फाइनल के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही।

कमलप्रीत ने इससे पहले भारत में विभिन्न प्रतियोगिताओं में  65.06 मीटर और 66.59 मीटर के थ्रो के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था जिसके बाद सीमा ने पिछले दिनों एएफआई से कमलप्रीत की हाइपरएंड्रोजेनिज्म (महिलाओं की तुलना में शरीर में टेस्टोस्टेरोन की अधिक मात्रा) जांच की मांग की थी। महासंघ ने हालांकि उनके आरोपों को खारिज कर दिया था।

कमलप्रीत किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘‘ मैं (आरोप से) आहत थी। वह मुझसे सीनियर हैं और मुझे मार्गदर्शन देने के बजाय बिना किसी सबूत के आरोप लगा रही थी।’’

अपने पहले ओलंपिक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ ओलंपिक एक बड़ा अवसर है। मैं शुरुआती थ्रो से पहले नर्वस महसूस कर रही थी। लेकिन पहले थ्रो के बाद मुझे अच्छा लगा। तीसरे थ्रो तक अच्छे प्रदर्शन को लेकर मैं आश्वस्त थी और इसीलिए मैंने 64 मीटर की दूरी तक चक्का फेंका।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in app