पिता की बीमारी के बाद बेटियां संभाल रहीं जिम्मेदारी, सचिन तेंदुलकर खुद पहुंच गए शेविंग करवाने

इस पेशे में अभी तक पुरुषों का ही वर्चस्व माना जाता रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की बनवारी टोला गांव की नेहा और ज्योति ने अपने पिता के बीमार होने के बाद 2014 में उनकी जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया।

By राजेन्द्र सिंह गुसाईं | Updated: May 4, 2019 16:33 IST2019-05-04T16:33:04+5:302019-05-04T16:33:04+5:30

Sachin Tendulkar gets a shave from a woman, says it's a first for him | पिता की बीमारी के बाद बेटियां संभाल रहीं जिम्मेदारी, सचिन तेंदुलकर खुद पहुंच गए शेविंग करवाने

पिता की बीमारी के बाद बेटियां संभाल रहीं जिम्मेदारी, सचिन तेंदुलकर खुद पहुंच गए शेविंग करवाने

महान भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के नाम पहली बार बनाये कई रिकॉर्ड हैं लेकिन महिला हज्जाम नेहा और ज्योति से ‘पहली बार दाढ़ी बनवाना’ निश्चित रूप से उनके लिये गर्व का क्षण होगा। तेंदुलकर ने ऐसा भारत में मौजूद लिंग संबंधित रूढ़िवादिता को तोड़ने में अपना योगदान देने के लिए किया।

इस पेशे में अभी तक पुरुषों का ही वर्चस्व माना जाता रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश की बनवारी टोला गांव की नेहा और ज्योति ने अपने पिता के बीमार होने के बाद 2014 में उनकी जिम्मेदारी संभालने का फैसला किया। हालांकि इन दोनों के लिए यह सफर आसान नहीं था क्योंकि शुरू में लोग महिला हज्जाम से दाढ़ी नहीं बनवाते या बाल नहीं कटवाते थे।


जिलेट इंडिया के विज्ञापन में उनकी प्रेरणादायी कहानी को उजागर किया गया, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इस विज्ञापन को यूट्यूब को 1.60 करोड़ लोगों ने देखा। इसके बाद तेंदुलकर ने इन दोनों से दाढ़ी बनवाने का फैसला किया।

तेंदुलकर ने फिर इसे इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, ‘‘आप शायद इसे नहीं जानते, लेकिन मैंने कभी भी किसी से शेव नहीं बनवाई। आज यह रिकॉर्ड टूट गया। इन महिला बार्बर शॉप गर्ल्स से मिलना सम्मान की बात है। ’’ तेंदुलकर ने इन दोनों को जिलेट स्कालरशिप भी प्रदान की, जिनमें उनकी शैक्षिक और पेशेवर जरूरतों को पूरा किया जायेगा।

(भाषा इनपुट के साथ)

Open in app