Rohit Sharma-Virat Kohli T20 World Cup 2024: 13 साल बाद रच दो इतिहास, वर्ल्ड कप जीतेगी 'जय-वीरू' की जोड़ी!, 2007 के बाद 2024...

Rohit Sharma-Virat Kohli T20 World Cup 2024: रोहित शर्मा और विराट कोहली अगले महीने विजेता का पदक अपने गले में लटकाए मंच से विदा लेना चाहेंगे।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 29, 2024 13:57 IST2024-05-29T13:51:28+5:302024-05-29T13:57:35+5:30

Rohit Sharma-Virat Kohli T20 World Cup 2024 record history after 13 years 'Jai-Viru' pair will win World Cup after 2007- 2024 | Rohit Sharma-Virat Kohli T20 World Cup 2024: 13 साल बाद रच दो इतिहास, वर्ल्ड कप जीतेगी 'जय-वीरू' की जोड़ी!, 2007 के बाद 2024...

file photo

HighlightsRohit Sharma-Virat Kohli T20 World Cup 2024: रोहित 40 बरस के होने वाले होगे और कोहली 38 वर्ष के होंगे।Rohit Sharma-Virat Kohli T20 World Cup 2024: एकदिवसीय (50 ओवर) प्रारूप का विश्व कप इसके एक और साल बाद होगा।Rohit Sharma-Virat Kohli T20 World Cup 2024: 2007 टी20 विश्व कप (रोहित) और 2011 में 50 ओवर के विश्व कप (कोहली) के बाद उनका दूसरा विश्व खिताब होगा।

Rohit Sharma-Virat Kohli T20 World Cup 2024: ऐसे दो क्रिकेटर मिलना मुश्किल है जो एक-दूसरे से इतने अलग हों लेकिन फिर भी भाग्य के धागे से इतने करीब से जुड़े हों जैसे विराट कोहली और रोहित शर्मा (जय और वीरू की जोड़ी)। रोहित ने शीर्ष स्तर के क्रिकेट में शुरुआत 2007 में बेलफास्ट में की जबकि कोहली ने इससे एक साल बाद दांबुला में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। एक साथ चले इस सफर का एक और दिलचस्प अध्याय संभवतः अगले महीने कैरेबियाई द्वीपों में समाप्त हो जाएगा। अगला टी20 विश्व कप 2026 में है जिसकी मेजबानी भारत और श्रीलंका संयुक्त रूप से करेंगे लेकिन तब रोहित 40 बरस के होने वाले होगे और कोहली 38 वर्ष के होंगे। एकदिवसीय (50 ओवर) प्रारूप का विश्व कप इसके एक और साल बाद होगा। 2007 के बाद 2024 में कप दिलाएंगे।

2007 टी20 विश्व कप (रोहित शर्मा) और 2011 में 50 ओवर के विश्व कप (विराट कोहली) के बाद उनका दूसरा विश्व खिताब होगा

खेल की स्ट्राइक रेट से जुड़ी प्रकृति में लगातार इजाफा हो रहा है और इसे देखते हुए इन दोनों को इनमें से किसी में भी खेलते हुए देखना मुश्किल है। इसलिए रोहित और कोहली दोनों अगले महीने विजेता का पदक अपने गले में लटकाए मंच से विदा लेना चाहेंगे। अगर वे ऐसा कर पाते हैं तो यह 2007 टी20 विश्व कप (रोहित) और 2011 में 50 ओवर के विश्व कप (कोहली) के बाद उनका दूसरा विश्व खिताब होगा।

और यह उन दो खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन विदाई होगी जिन्होंने पिछले 17 वर्षों में भारत के सीमित ओवरों के क्रिकेट में काफी प्रभाव डाला। हालांकि कोहली-रोहित की कहानी आपसी सम्मान और इस जागरूकता पर आधारित है कि उन्हें एक-दूसरे के काम मे दखल नहीं देनी। कोहली ने अपने करियर की शुरुआत से ही रोहित के लिए उनके मन में जो प्रशंसा है, उसके बारे में बात की है।

वह (रोहित शर्मा) बल्लेबाजी करने के लिए आया तो मैं चुप था

कोहली ने ‘ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस’ में कहा था, ‘‘मैं एक खिलाड़ी के बारे में उत्सुकता से भरा हुआ था। लोग कहते रहते थे - ‘यह एक ऐसा खिलाड़ी है जो तेजी से आगे बढ़ रहा है’। मुझे आश्चर्य होता था कि मैं भी एक युवा खिलाड़ी हूं लेकिन कोई मेरे बारे में बात नहीं करता, फिर यह खिलाड़ी कौन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब वह (रोहित) बल्लेबाजी करने के लिए आया तो मैं चुप था।

उसे खेलते हुए देखना अद्भुत था। वास्तव में मैंने उनसे बेहतर किसी खिलाड़ी को गेंद को टाइम करते नहीं देखा।’’ दोनों बल्लेबाजों में कोहली सभी प्रारूपों के अधिक अनुकूल बल्लेबाज हैं जिन्होंने खेल के बदलते स्वरूप के साथ अधिक सहजता से अनुकूलन किया है। उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में हर जगह रन बनाए हैं जो सचिन तेंदुलकर के सुनहरे दिनों के बाद शायद ही कभी देखा गया हो।

रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन किया

रोहित ने सफेद गेंद के प्रारूपों में अपनी अलग पहचान बनाई लेकिन मुंबई का यह बल्लेबाज अपने करियर में अधिकांश समय टेस्ट क्रिकेट में वह सफलता हासिल नहीं कर पाया। करियर के दूसरे हाफ में सलामी बल्लेबाज की भूमिका में हालांकि रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन किया।

लेकिन अभी के लिए कोहली और रोहित को टी20 विश्व कप में भारत के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रारूप में अपने विशाल अनुभव पर निर्भर रहना होगा। रोहित निश्चित रूप से पारी का आगाज करेंगे और अगर पिछले साल के विश्व कप और हाल ही में समाप्त हुए आईपीएल को संकेत माना जाए तो कप्तान अपना निस्वार्थ, आक्रामक रवैया जारी रखेंगे।

विराट कोहली का खेल थोड़ा अलग

रोहित में बड़े शॉट खेलने की क्षमता है जिससे उन्हें मदद मिलेगी। उनका एक पैर पर वजन डालकर पुल शॉट खेलना किसी को भी आकर्षित कर सकता है। लेकिन कोहली का खेल थोड़ा अलग है। वह कभी-कभार बड़ी हिट लगा सकते हैं लेकिन उन्हें अक्सर स्पिन के खिलाफ जूझना पड़ता है, विशेषकर बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ।

टी20 में धीमे गेंदबाजों के खिलाफ उनका करियर स्ट्राइक रेट 120 के आसपास रहता है। कई बार इसने बीच के ओवरों में उनकी प्रगति में बाधा डाली लेकिन इस साल के आईपीएल के दौरान उन्हें इसका समाधान मिल गया। उन्होंने स्पिनरों के खिलाफ स्लॉग स्वीप का इस्तेमाल किया।

विराट कोहली ने 188 गेंदों पर 260 रन बनाए

इसका उनके स्ट्राइक रेट पर अच्छा असर पड़ा क्योंकि कोहली ने 188 गेंदों पर 260 रन बनाए और स्पिनरों के खिलाफ 15 छक्के लगाए। स्पिन के खिलाफ उनका स्ट्राइक रेट 139 तक पहुंच गया जो उनके आईपीएल के 124 के समग्र स्ट्राइक रेट से काफी बेहतर है।

यह कोहली के लिए टी20 विश्व कप में काम आ सकता है जहां पिचों के टूर्नामेंट आगे बढ़ने के साथ धीमा होने की उम्मीद है जिससे स्पिनरों की अहमियत बढ़ती जाएगी। क्रिकेट के दायरे से परे दोनों दिग्गजों का आईसीसी ट्रॉफी जीतने का अंतिम प्रायस करना व्यक्तिगत रूप से और टीम के लिए एक आकर्षक दृश्य होगा। प्रशंसक भी इसका अधिक से अधिक लुत्फ उठाना चाहेंगे। 

Open in app