दिल्ली को हराकर पहली बार रणजी चैंपियन बनी विदर्भ टीम के कप्तान फैज फजल ने इस जीत को टीम इंडिया के लिए खेलने जैसी 'उपलब्धि' करार दिया है। विदर्भ ने 2018 के पहले दिन सोमवार को दिल्ली को 9 विकेट से हराकर पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता और भारतीय घरेलू क्रिकेट में एक नए अध्याय की शुरुआत की।
फजल 2016 में जिम्बाब्वे का दौरा करने वाली टीम इंडिया के लिए एकमात्र वनडे मैच में ओपनिंग की थी और हाफ सेंचुरी जड़ी थी। 32 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज ने कहा, 'रणजी ट्रॉफी जीतना मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मुझे पता है कि भारत के लिए खेलना व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए काफी बड़ा है। मैं हमेशा से एक टीम का खिलाड़ी रहा हूं। टीम के लिए ट्रॉफी जीतना एक बड़ी बात है।'
इस शानदार जीत से खुश फजल ने कहा, 'ये जीत किसी परीकथा से कम नहीं है। इस अहसास को बयां नहीं किया जा सकता है। एक क्रिकेटर के तौर पर हमने हमेशा ही रणजी ट्रॉफी जीतने का सपना देखा। ये आज हुआ, और मैं खुश हूं। अभी हम सातवें आसमान पर हैं। लेकिन हमें फिर से विनम्र होना होगा और कल से हमारा काम शुरू करना होगा।'
छह दशक में पहली बार चैंपियन बना विदर्भ
फैज फजल ने विदर्भ का नेतृत्व उदाहरण बनकर किया और बल्ले से 912 रन ठोकते हुए उसे चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया। विदर्भ के लिए गेंदबाज रजनीश गुरबानी ने 39 विकेट झटके, जिसमें एक हैट-ट्रिक भी शामिल है। वहीं वसीम जाफर से लेकर फाइनल में शतक ठोकने वाले अक्षय वाडकर तक टीम के सभी खिलाड़ियों ने विदर्भ को पहली बार चैंपियन बनाने में अपना शानदार योगदान दिया। विदर्भ ने 1957-58 से रणजी ट्रॉफी खेलना शुरू किया और लगभग छह दशक और 250 मैच खेलने के बाद पहली बार खिताब पर कब्जा जमाया।