रणजी ट्रॉफी में 50 से ज्यादा मैदानों पर भिड़ेंगी देशभर की 37 टीमें, पूर्वोत्तर की 7 टीमें करेंगी डेब्यू

रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के दौरान 50 से अधिक मैदानों का इस्तेमाल किया जाएगा जो साजो सामान की दृष्टि से बड़ी चुनौती होगी।

By भाषा | Published: October 31, 2018 4:42 PM

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नई दिल्ली, 31 अक्टूबर: पूर्वोत्तर की पदार्पण कर रही सात टीमों सहित रिकॉर्ड कुल 37 टीमें गुरुवार से शुरू होने जा रहे रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट में चुनौती पेश करेंगी। यह टूर्नामेंट क्रिकेट बोर्ड के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है जो प्रशासनिक उथलपुथल के दौर से गुजर रहा है।

मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, उत्तराखंड, सिक्किम, नगालैंड, मेघालय, बिहार और पुडुचेरी की नई टीमों ने हाल में 50 ओवर के विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था लेकिन लाल गेंद से क्रिकेट खेलना अधिक बड़ी चुनौती होगी। कुछ लोगों का तर्क था कि टीमों को देश के शीर्ष प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी में धीरे-धीरे प्रगति करते हुए जगह दी जानी चाहिए थी जिसकी शुरुआत आयु वर्ग क्रिकेट से होती। 

उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति ने हालांकि उन्हें सीधे इस शीर्ष टूर्नामेंट में जगह दी और इन नई नवेली टीमों के सामने अब बड़ी चुनौती है। ये नौ टीमें प्लेट ग्रुप में एक दूसरे के खिलाफ भिड़ेंगी जैसा कि उन्होंने हाल में विजय हजारे ट्रॉफी में किया था जहां 18 साल बाद घरेलू क्रिकेट में वापसी कर रहे बिहार ने अच्छा प्रदर्शन किया था। इनमें से अधिकांश टीमें हालांकि इस सत्र में अपने बाहरी खिलाड़ियों पर निर्भर हैं।

टूर्नामेंट के दौरान इस्तेमाल होंगे 50 से ज्यादा मैदान

टूर्नामेंट के दौरान 50 से अधिक मैदानों का इस्तेमाल किया जाएगा जो साजो सामान की दृष्टि से बड़ी चुनौती होगी लेकिन बीसीसीआई के क्रिकेट संचालन महाप्रबंधक सबा करीम ने कहा है कि उनकी टीम इसके लिए तैयार है।

करीम ने पीटीआई से कहा, 'हम तैयार हैं और हमने रणजी ट्रॉफी से पहले घरेलू टूर्नामेंटों (विजय हजारे ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी, देवधर ट्रॉफी) के सफल आयोजन से इसे साबित किया है।' 

भारत के इस पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा, 'नयी टीमों ने अपनी क्षमता दिखाई है। इसमें कोई शक नहीं कि रणजी ट्राफी उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी लेकिन मैं यह देखने को उत्सुक हूं कि वे बाहरी खिलाड़ियों की मदद से कैसा प्रदर्शन करते हैं।' 

इस बीच घरेलू स्तर के स्टार खिलाड़ी ग्रुप-ए, बी और सी में नजर आएंगे। टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा के सौराष्ट्र की ओर से पहले मैच में छत्तीसगढ़ के खिलाफ खेलने की उम्मीद है जबकि स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और मुरली विजय को मध्य प्रदेश के खिलाफ पहले मैच के लिए तमिलनाडु की टीम में जगह दी गई है।

ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट की श्रृंखला और न्यूजीलैंड के ए टीम के दौरे के लिए खिलाड़ियों का चयन पहले ही हो चुका है और ऐसे में रणजी ट्रॉफी में अच्छे प्रदर्शन का इनाम मिलने की उम्मीद नहीं है। ग्रुप ए को सबसे कड़ा ग्रुप माना जा रहा है जिसमें कई बार का चैंपियन मुंबई, कर्नाटक, महाराष्ट्र, सौराष्ट्र, रेलवे, छत्तीसगढ़, विदर्भ और गुजरात शामिल है। गुजरात ने पिछले साल अपना पहला रणजी खिताब जीता जबकि विदर्भ उससे एक सत्र पहले का चैंपियन है।

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