राहुल द्रविड़ को मिली बड़ी राहत, BCCI के आचरण अधिकारी ने हितों के टकराव की शिकायत की खारिज

द्रविड़ ने अपने बचाव में कहा था कि उन्होंने इंडिया सीमेंट्स से ‘अनुपस्थिति की अनुमति’ ले ली थी और उनका चेन्नई सुपरकिंग्स से कोई लेना देना नहीं है।

By भाषा | Updated: November 15, 2019 11:53 IST

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ठळक मुद्देबीसीसीआई के आचरण अधिकारी ने द्रविड़ के खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत खारिज कर दी है।26 सितंबर को मुंबई में हुई व्यक्तिगत सुनवाई में राहुल द्रविड़ ने अपना मामला पेश किया था।

भारत के महान खिलाड़ी राहुल द्रविड़ के लिये राहत भरी खबर है, क्योंकि बीसीसीआई के आचरण अधिकारी डीके जैन ने उनके खिलाफ हितों के टकराव की शिकायत खारिज कर दी और कहा कि ‘इसमें कोई दम नहीं है’। जैन ने आदेश जारी करने के बाद पीटीआई से कहा, ‘‘मैंने शिकायत खारिज कर दी है। राहुल द्रविड़ के साथ हितों के टकराव का कोई मुद्दा नहीं है।’’

पीटीआई के पास इस आदेश की प्रति है, जिसके अनुसार, ‘‘तथ्यों के आधार पर मुझे भरोसा हो गया है कि नियमों के अनुसार हितों के टकराव का मामला नहीं बनता है। नतीजतन, शिकायत खारिज कर दी जाती है जिसमें कोई दम नहीं है।’’

एमपीसीए के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने द्रविड़ के खिलाफ कथित टकराव का मामला दायर किया था क्योंकि वह मौजूदा समय में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) प्रमुख हैं और साथ ही इंडिया सीमेंट्स के कर्मचारी भी हैं। जैन ने मंगलवार को दूसरे दौर की सुनवाई की थी जिसमें द्रविड़ का प्रतिनिधित्व उनके वकील ने किया था।

इससे पहले 26 सितंबर को मुंबई में हुई व्यक्तिगत सुनवाई में उन्होंने अपना मामला पेश किया था। वह इस समय बेंगलुरू में एनसीए निदेशक भी हैं और इंडिया सीमेंट्स ग्रुप के उपाध्यक्ष भी हैं जिसकी आईपीएल फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स है। एनसीए की जिम्मेदारी दिये जाने से पहले वह इंडिया ए और अंडर-19 टीमों के मुख्य कोच भी थे।

द्रविड़ ने अपने बचाव में कहा था कि उन्होंने इंडिया सीमेंट्स से ‘अनुपस्थिति की अनुमति’ ले ली थी और उनका चेन्नई सुपरकिंग्स से कोई लेना देना नहीं है। बीसीसीआई संविधान के नियम 38 (4) के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक ही समय में एक से ज्यादा पद पर काबिज नहीं रह सकता।

जैन ने द्रविड़ के मामले में इस नियम की अलग तरह से व्याख्या की जिसमें आदेश के अनुसार बीसीसीआई से जुड़े किसी व्यक्ति का महज एक पद पर काबिज रहना ‘हितों के टकराव’ के निष्कर्ष पर पहुंचने के लिये पर्याप्त नहीं है।

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