नयी दिल्ली, 16 अप्रैल इंडियन प्रीमियर लीग और अन्य टूर्नामेंटों के दौरान क्रिकेट स्टेडियमों के रखरखाव के लिए पेयजल के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने जल शक्ति मंत्रालय को निर्देश दिया है कि एक महीने के भीतर बैठक करके खेल के मैदानों के रखरखाव के लिए भूजल के इस्तेमाल के नियमन के मुद्दे पर विचार करे।
एनजीटी ने जल शक्ति मंत्रालय के सचिव को कहा है कि वह युवा एवं खेल मंत्रालय (संयुक्त सचिव से कम के पद का नहीं) के नामित, भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रतिनिधि और सीपीसीबी के साथ संयुक्त बैठक करके भूजल के इस्तेमाल के नियमन के मुद्दे पर विचार करें।
एनजीटी ने कहा, ‘‘जिन मुद्दों पर विचार किया जाए उसमें खेल के मैदानों के रखरखाव में भूजल के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने के विषय को भी शामिल किया जा सकता है विशेषकर उस समय जब असल में कोई मुकाबले ना खेले जा रहे हों और सीवेज ट्रीटमेंट प्लंट से शुद्ध जल के इस्तेमाल पर विचार किया जा सकता है। ’’
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘‘इसमें इसे शामिल किया जा सकता है कि बारिश के जल के प्रभावी संचयन को सुनिश्चित किया जाए और भूजल को बचाने के लिए जल का संचयन करने वाली प्रणाली को सभी मैदानों पर लगाया जाए।
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