Asia Cup Trophy Controversy: मंगलवार को एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में उस समय माहौल गरमा गया जब बीसीसीआई ने दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में एशिया कप 2025 के फाइनल के बाद मोहसिन नकवी की हरकतों की तीखी आलोचना की। रविवार को एक अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला, जब एसीसी अध्यक्ष नकवी, जो पीसीबी के अध्यक्ष भी हैं, भारतीय टीम द्वारा उनसे पदक लेने से इनकार करने के बाद, स्टेडियम से पदक लेकर चले गए।
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने सोमवार को कहा कि बोर्ड इस साल के अंत में होने वाली आईसीसी बैठक के दौरान नकवी के खिलाफ "कड़ा" जवाब देगा। एसीसी के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य और बीसीसीआई के वर्तमान उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने एसीसी बैठक के दौरान नकवी और उनकी हरकतों की कड़ी आलोचना की, जो आने वाले समय में दोनों शक्तिशाली देशों के बीच तनाव बढ़ने का संकेत है।
एसीसी बोर्ड मीटिंग की पूरी घटना से वाकिफ एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि बीसीसीआई जल्द से जल्द ट्रॉफी उन्हें सौंपने की अपनी मांग पर अड़ा हुआ था। नकवी ने तर्क दिया कि उनका "अनादर" किया गया और उन्हें पहले से इस बात की जानकारी नहीं थी कि भारत उनसे ट्रॉफी नहीं लेना चाहता।
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया, "भारत को पदक और एशिया कप ट्रॉफी कब सौंपी जाएगी, यह फैसला टाल दिया गया है क्योंकि एसीसी की बैठक में कोई समाधान नहीं निकला। नकवी ने तर्क दिया कि उनका अपमान किया गया और उन्हें भारतीय टीम द्वारा ट्रॉफी न दिए जाने के फैसले की पहले से कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने दावा किया कि बीसीसीआई ने उन्हें ऐसी स्थिति के बारे में कभी ईमेल नहीं लिखा।"
उन्होंने आगे कहा, "हालांकि, बैठक में बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व करने वाले राजीव शुक्ला ने तर्क दिया कि ट्रॉफी किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं है, बल्कि यह एसीसी की संपत्ति है और इसे असली विजेता को ही सौंपा जाना चाहिए। चूँकि कोई सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं निकला, इसलिए निर्णय अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है।"
बैठक के अंदरूनी विवरण यह भी बताते हैं कि नक़वी ने यहाँ तक कहा कि रविवार देर रात जो कुछ हुआ, उससे वह एक कार्टून की तरह लग रहे थे। शुक्ला के अलावा, एसीसी बैठक में भारत के अन्य प्रतिनिधि बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष आशीष शेलार थे।