मेंटोर ज्यादा कुछ नहीं कर सकते, मैदान में खिलाड़ियों को ही प्रदर्शन करना होता है: गावस्कर

By भाषा | Updated: October 22, 2021 18:04 IST

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दुबई, 22 अक्टूबर  पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर ने महेंद्र सिंह धोनी को टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम के मेंटोर (मार्गदर्शक) के रूप में नियुक्त करने पर कहा कि यह पूर्व कप्तान एक हद तक मदद कर सकता है क्योंकि मैदान में प्रदर्शन करने का जिम्मा खिलाड़ियों के पास ही होता है।

भारत रविवार को सुपर 12 चरण में पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा और गावस्कर को लगता है कि इस प्रारूप में विराट कोहली की टीम जीत की प्रबल दावेदार है।

गावस्कर ने ‘आज तक’ चैनल पर कहा, ‘‘ मेंटोर ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। इस प्रारूप में तेजी से बदलाव होता है और हां, वह आपको ड्रेसिंग रूम में तैयारी करने में मदद कर सकता है। वह अगर जरूरत हुई तो रणनीति को बदलने में आपकी मदद कर सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वह टाइम-आउट के दौरान बल्लेबाजों और गेंदबाजों से बात कर सकता है, इसलिए धोनी को नियुक्त करने का कदम अच्छा है लेकिन धोनी ड्रेसिंग रूम में होंगे और मैदान में वास्तविक काम खिलाड़ियों को करना होगा। मैच का परिणाम इस बात पर निर्धारित होगा कि खिलाड़ी दबाव को कैसे संभालते है।’’

गावस्कर का मानना है कि टी20 प्रारूप में कप्तानी छोड़ने का फैसला करने से कोहली पर अब दबाव कम होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप एक कप्तान बनते हैं, तो आप केवल अपने बारे में नहीं सोच सकते हैं, उसे एक ऐसे बल्लेबाज से बात करनी होती है जो खराब दौर से गुजर रहा है या एक गेंदबाज के साथ रणनीतियों पर चर्चा करता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ इस सब के बीच, कोई भी अपनी लय पर जरूरत के मुताबिक ध्यान नहीं दे पाता है। जब आप पर दबाव नहीं होता है, तो आप अपने खेल पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। मुझे लगता है कि विराट के लिए यह अच्छा होगा कि टी20 विश्व कप के बाद उन्हें जिम्मेदारियों के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में कोहली अब अपने खेल पर ध्यान दे सकते हैं और काफी रन बना सकते है।’’

विश्व क्रिकेट में सबसे सम्मानित आवाजों में से एक गावस्कर ने यह भी बताया कि वैश्विक टूर्नामेंटों में नॉक-आउट मैच जीतने में भारत की विफलता का मुख्य कारण टीम चयन रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘बड़े मैचों में भारत की समस्या टीम संयोजन रही है। अगर उन्हें नॉकआउट मैचों में अंतिम एकादश का चयन मिल जाता, तो उन्हें कम समस्या होती। कई बार, आपके सोचने का तरीका अलग होता है।’’

गावस्कर ने कहा कि टी20 क्रिकेट में भारतीय टीम अकसर सातवें से 12वें ओवर में लय बरकरार रखने में नाकाम रहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत की बल्लेबाजी की कमजोरी पावरप्ले के बाद सातवें ओवर से 12वें ओवर तक रही है। यह बहुत अच्छा होगा अगर हम उन चार से पांच ओवरों में बेहतर बल्लेबाजी कर सकें और लगभग 40 रन बना सकें।’’

गावस्कर का मानना है कि भारतीय टीम टूर्नामेंट की चैम्पियन बनने की दावेदार के तौर पर शुरुआत नहीं करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘टी20 क्रिकेट में किसी भी टीम को हराना मुश्किल नहीं है। हां, टेस्ट में आप कह सकते हैं कि आपके पास बल्लेबाजी या गेंदबाजी में गहराई है या नहीं। लेकिन टी20 में कोई भी टीम पसंदीदा नहीं होती और जो टीम कम गलतियां करती है वह जीतती है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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