कौन हैं महान आर्यमन सिंधिया?, दादा माधवराव सिंधिया और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद बने मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ अध्यक्ष

Madhya Pradesh Cricket Association: एमपीसीए के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (सीएओ) रोहित पंडित ने सोमवार को बताया कि एमपीसीए चुनावों में अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी के सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ और इस तरह पूरी कार्यकारिणी सर्वसम्मति से चुन ली गई है।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 1, 2025 15:20 IST2025-09-01T15:18:16+5:302025-09-01T15:20:29+5:30

Madhya Pradesh Cricket Association dada Madhavrao Scindia papa Jyotiraditya Scindia mahanAryaman Scindia became unopposed president see executive | कौन हैं महान आर्यमन सिंधिया?, दादा माधवराव सिंधिया और पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद बने मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ अध्यक्ष

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Highlightsसबसे युवा अध्यक्ष के रूप में इस संगठन की बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं। अरुंधति किरकिरे संयुक्त सचिव और संजीव दुआ कोषाध्यक्ष चुने गए हैं।क्रिकेट समिति में प्रदीप बनर्जी, रमणीक पटेल और अभय लघाटे को जगह दी गई है।

इंदौरः केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे और ग्वालियर संभाग क्रिकेट संघ (जीडीसीए) के उपाध्यक्ष महान आर्यमन सिंधिया को मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) का निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया है। इसके साथ ही, ग्वालियर के पूर्व राजघराने की तीसरी पीढ़ी के 29 वर्षीय वंशज के सूबे के क्रिकेट संगठन की कमान संभालने का रास्ता साफ हो गया है। महान आर्यमन वर्ष 1957 में स्थापित एमपीसीए के इतिहास के सबसे युवा अध्यक्ष के रूप में इस संगठन की बागडोर संभालने के लिए तैयार हैं। एमपीसीए के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (सीएओ) रोहित पंडित ने सोमवार को बताया कि एमपीसीए चुनावों में अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी के सभी पदों पर निर्विरोध निर्वाचन हुआ और इस तरह पूरी कार्यकारिणी सर्वसम्मति से चुन ली गई है।

उन्होंने बताया कि एमपीसीए की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी पर दो सितंबर (मंगलवार) को आयोजित वार्षिक साधारण सभा (एजीएम) में अंतिम मुहर लग जाएगी जिसके बाद कार्यकारिणी के पदाधिकारी अपना कार्यभार संभालेंगे। पंडित ने बताया कि एमपीसीए की नयी कार्यकारिणी में विनीत सेठिया उपाध्यक्ष, सुधीर असनानी सचिव, अरुंधति किरकिरे संयुक्त सचिव और संजीव दुआ कोषाध्यक्ष चुने गए हैं।

उन्होंने बताया कि एमपीसीए की प्रबंध समिति के नवनिर्वाचित सदस्यों में संध्या अग्रवाल, प्रसून कनमड़ीकर, राजीव रिसोड़कर और विजेश राणा शामिल हैं, वहीं क्रिकेट समिति में प्रदीप बनर्जी, रमणीक पटेल और अभय लघाटे को जगह दी गई है। एमपीसीए के निवर्तमान अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने कहा,"पिछले छह साल के दौरान एमपीसीए ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

मुझे उम्मीद है कि महान आर्यमन सिंधिया के नेतृत्व वाली नवनिर्वाचित कार्यकारिणी एमपीसीए को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगी।" क्रिकेट के गलियारों में महान आर्यमन की सक्रियता गुजरे तीन सालों में लगातार बढ़ती देखी गई है। महान आर्यमन 2022 में जीडीसीए के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे। उन्हें 2022 में ही एमपीसीए का आजीवन सदस्य बनाया गया था।


महान आर्यमन सूबे की टी20 क्रिकेट लीग मध्य प्रदेश लीग (एमपीएल) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने 2024 में अपने गृहनगर ग्वालियर से एमपीएल की शुरुआत की थी। वैसे सिंधिया परिवार लम्बे वक्त से सूबे के क्रिकेट प्रशासन में है और एमपीसीए पर इस परिवार का पिछले कई दशकों से वर्चस्व बरकरार है।

महान आर्यमन के दिवंगत दादा माधवराव सिंधिया और उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एमपीसीए के अध्यक्ष रह चुके हैं। मध्यप्रदेश सरकार के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एमपीसीए में सिंधिया परिवार के वर्चस्व को 15 साल पहले चुनौती दी थी। एमपीसीए के वर्ष 2010 के चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के बीच सीधी भिड़ंत हुई थी।


भारी खींचतान के बीच हुए इन चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एमपीसीए अध्यक्ष पद पर विजयवर्गीय को 70 वोटों से हराया था। इन चुनावों में शक्तिशाली सिंधिया खेमे ने नये-नवेले विजयवर्गीय गुट का सूपड़ा साफ करते हुए कार्यकारिणी के सभी प्रमुख पदों पर कब्जा जमाया था।

ज्योतिरादित्य सिंधिया उस वक्त केंद्र की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री थे, तो विजयवर्गीय प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में इसी विभाग के काबीना मंत्री का ओहदा संभाल रहे थे। लोढ़ा समिति की सिफारिशों के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया और संजय जगदाले सरीखे वरिष्ठ क्रिकेट प्रशासकों को एमपीसीए के अपने अहम ओहदे जनवरी 2017 में छोड़ने पड़े थे क्योंकि तब दोनों को इस संगठन की प्रबंध समिति के अलग-अलग पदों पर रहते नौ साल से अधिक का समय हो गया था।

नतीजतन वे लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक इस संगठन में पद संभालने के लिए अपात्र हो गए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्ष 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। एमपीसीए में कैलाश विजयवर्गीय गुट और ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे की खींचतान पहले ही खत्म हो चुकी है।

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