भारत के खिलाफ किस्मत का साथ मिला, कानपुर टेस्ट का प्रदर्शन था खास: जैमीसन

By भाषा | Updated: December 20, 2021 19:38 IST2021-12-20T19:38:54+5:302021-12-20T19:38:54+5:30

Luck favored against India, performance of Kanpur Test was special: Jamieson | भारत के खिलाफ किस्मत का साथ मिला, कानपुर टेस्ट का प्रदर्शन था खास: जैमीसन

भारत के खिलाफ किस्मत का साथ मिला, कानपुर टेस्ट का प्रदर्शन था खास: जैमीसन

...कुशान सरकार...

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर काइल जैमीसन को भारत के खिलाफ खेले गए पांच टेस्ट मैचों में से चार में काफी सफलता मिली है, लेकिन न्यूजीलैंड के इस तेज गेंदबाज इसका श्रेय टीम के अनुभवी गेंदबाजों ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी को दिया।

टेस्ट क्रिकेट में न्यूजीलैंड की ओर से सबसे कम मैचों में 50 विकेट (नौ टेस्ट में) लेने वाले इस गेंदबाज ने पीटीआई-भाषा के दिये साक्षात्कार में कहा कि सफेद गेंद (सीमित ओवरों के मैच) क्रिकेट में कौशल के मामले में उन्हें अभी काफी कुछ सीखना है और लंबा सफर तय करना है।

जैमीसन ने कहा, ‘‘ मैं अपने खेल में जहां हूं वहां से अब करियर में काफी लंबा सफर तय करना है। अभी मुझे बहुत कुछ सीखना है।

भारत के खिलाफ पांच टेस्ट में 22 सहित 10 टेस्ट मैचों में कुल  52 विकेट लेने वाले इस तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘ क्रिकेट में क्या होने वाला है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता लेकिन मुझे अपने खेल में लगातार सुधार करना होगा। कई बार एक कदम पीछे लेकर अपने कौशल में सुधार करना होता है। हमें आने वाले दिनों में आईसीसी टूर्नामेंटों को जीतना होगा।’’

भारत के खिलाफ शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि मैं कई बार भाग्यशाली रहा हूं और उन पांच (टेस्ट) मैचों में से तीन मुकाबले मैंने अनुकूल परिस्थितियों में खेले हैं। मैंने हमेशा कहा है कि मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि ट्रेंट, टिम और नील वैगनर जैसे खिलाड़ियों के साथ खेल रहा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम घर पर खेलते हैं, तो हमारी टीम में अक्सर चार तेज गेंदबाज होते है और अन्य तीन गेंदबाजों की मेहनत का फल मुझे मिलता है। ’’

जैमीसन ने हालांकि कानपुर में ग्रीन पार्क की धीमी और कम उछाल वाली पिच पर छह विकेट लेकर यह साबित किया वह अपने लंबे कद से तेज गेंदबाजों के लिए मुश्किल परिस्थितियों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता था कि वह पिच कैसा बर्ताव करेगी और उन परिस्थितियों से सामंजस्य बैठाने के लिए बहुत कम समय मिला था, इसलिए हाँ, वहां अच्छा करने में सक्षम होना काफी सुखद था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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