सूर्यास्त के समय गुलाबी गेंद का असर देखने को उत्सुक हूं : मिताली

By भाषा | Updated: September 29, 2021 12:01 IST2021-09-29T12:01:06+5:302021-09-29T12:01:06+5:30

Looking forward to seeing the effect of pink ball at sunset: Mithali | सूर्यास्त के समय गुलाबी गेंद का असर देखने को उत्सुक हूं : मिताली

सूर्यास्त के समय गुलाबी गेंद का असर देखने को उत्सुक हूं : मिताली

गोल्ड कोस्ट, 29 सितंबर आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दिन रात के टेस्ट से पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम को अभ्यास के लिये दो ही दिन का समय मिला है और कप्तान मिताली राज यह देखने को उत्सुक हैं कि सूर्यास्त के समय गुलाबी गेंद का असर कैसा रहता है ।

आस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद भारतीय टीम ने 14 दिन का पृथकवास पूरा किया और फिर वनडे श्रृंखला खेली । गुरूवार से शुरू हो रहे टेस्ट से पूर्व टीम को तैयारी का समय नहीं मिल सका।

मिताली ने ऐतिहासिक टेस्ट से पूर्व कहा ,‘‘ ईमानदारी से कहूं तो मुझे गुलाबी गेंद से खेलने का अनुभव नहीं है । मैं भी पहली बार खेलूंगी लेकिन मैं यह जानने को उत्सुक हूं कि सूर्यास्त के समय कैसा रहता है क्योंकि सभी कहते हैं कि उस समय गुलाबी गेंद को खेलना कठिन है । मैं तभी कुछ कह सकूंगी जब इसका अनुभव होगा ।’’

चमक और दृश्यता बनाये रखने के लिये गुलाबी गेंद पर लैकर की अतिरिक्त परत चढाई जाती है और यह दूधिया रोशनी में काफी उछाल लेती है ।

भारत को वनडे श्रृंखला में 1 . 2 से पराजय झेलनी पड़ी लेकिन उसने आस्ट्रेलिया का 26 मैचों का जीत का सिलसिला आखिरी मैच में तोड़ा ।

मिताली ने कहा कि उस प्रदर्शन से खिलाड़ियों का आत्मविश्वास बढा है । उन्होंने कहा ,‘‘ यह टीम आत्मविश्वास से भरी है । वनडे विश्व कप से पहले सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ खेलना अच्छी तैयारी है । पहले मैच में हम अच्छा नहीं खेल सके और मैने खिलाड़ियों को तल्खी से समझाया था और उसके बाद प्रदर्शन बेहतर होता गया ।’’

भारत ने सात साल बाद पहला टेस्ट खेलते हुए इंग्लैंड को ड्रॉ पर रोका था । भारत और आस्ट्रेलिया के बीच आखिरी टेस्ट 2006 में खेला गया थाा । मिताली ने कहा कि तब से अब तक दोनों टीमों ने लंबा सफर तय किया है ।

उन्होंने कहा ,‘‘ वनडे प्रारूप में हमने बड़े स्कोर बनाये । यह अच्छी प्रतिस्पर्धी श्रृंखला थी । कुल मिलाकर पूरे विश्व में महिला क्रिकेट ने लंबा सफर तय किया है और भविष्य उज्जवल है।

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