कड़े बायो बबल में कोविड की घुसपैठ, पर टीमों ने कहा आईपीएल जारी रहना चाहिए

By भाषा | Published: May 3, 2021 06:33 PM2021-05-03T18:33:46+5:302021-05-03T18:33:46+5:30

Kovid infiltrates into tough bio bubble, but teams say IPL should continue | कड़े बायो बबल में कोविड की घुसपैठ, पर टीमों ने कहा आईपीएल जारी रहना चाहिए

कड़े बायो बबल में कोविड की घुसपैठ, पर टीमों ने कहा आईपीएल जारी रहना चाहिए

googleNewsNext

(भरत शर्मा)

नयी दिल्ली, तीन मई कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की टीम में कोविड-19 के दो मामले पाये जाने के बाद खिलाड़ी विशेषकर विदेशी क्रिकेटर असहज महसूस कर रहे हैं लेकिन टीमों का मानना है कि इस महामारी के बढ़ते खतरे के बावजूद इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जारी रहना चाहिए।

केकेआर के वरुण चक्रवर्ती और संदीप वारियर के पॉजिटिव पाये जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं विश्व के सबसे बड़े टी20 लीग के जैव सुरक्षित वातावरण (बायो बबल) में यह खतरनाक वायरस कैसे पहुंच गया।

भारत से यात्रा प्रतिबंधों के कारण विदेशी खिलाड़ी पहले ही स्वदेश लौटने को लेकर चिंतित थे और अब उनकी चिंता बढ़ गयी है।

एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘आधा टूर्नामेंट हो चुका है। इसको रोकने का कोई मतलब नहीं बनता है। इस खबर (केकेआर टीम में पॉजिटिव मामले) से बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) का काम अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने सुना है कि एक खिलाड़ी इसलिए संक्रमित हुआ क्योंकि उसे स्कैन के लिये बायो बबल से बाहर ले जाया गया। इसलिए यह बायो बबल के बाहर हुआ। जहां तक मैं जानता हूं हर कोई बीसीसीआई के प्रोटोकॉल का पूरा पालन कर रहा है और उसका कोई उल्लंघन नहीं हुआ। ’’

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यदि कोई अन्य टीम वायरस से प्रभावित नहीं होती है तो टूर्नामेंट जारी रहना चाहिए।

अधिकारी ने कहा, ‘‘यदि आप टूर्नामेंट रोकना चाहते हैं तो कब तक। एकमात्र तरीका यही है कि पॉजिटिव मामलों को अलग थलग करके खेल जारी रखा जाए। खिलाड़ी निश्चित तौर पर अब अधिक चिंतित हैं लेकिन उनकी मुख्य चिंता यह है कि वे स्वदेश कैसे लौटेंगे। ’’

ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने भारत से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा रखा है और आईपीएल में इन तीनों देशों के कई क्रिकेटर खेल रहे हैं। आस्ट्रेलिया के तीन क्रिकेटर यात्रा प्रतिबंध लगने से पहले स्वदेश लौट गये थे।

एक टीम के अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें यह फैसला बीसीसीआई पर छोड़ देना चाहिए कि हम सबके लिये क्या सर्वश्रेष्ठ है। उन्हें कई तरह की राय देने से भ्रम की स्थिति ही पैदा होगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in app