जाफर ने उत्तराखंड का कोच रहते चयन में सांप्रदायिकता के आरोपों को खारिज किया

By भाषा | Updated: February 10, 2021 20:30 IST2021-02-10T20:30:49+5:302021-02-10T20:30:49+5:30

Jaffer dismisses allegations of communalism in selection as coach of Uttarakhand | जाफर ने उत्तराखंड का कोच रहते चयन में सांप्रदायिकता के आरोपों को खारिज किया

जाफर ने उत्तराखंड का कोच रहते चयन में सांप्रदायिकता के आरोपों को खारिज किया

मुंबई, 10 फरवरी उत्तराखंड क्रिकेट संघ से मतभेदों के कारण कोच के पद से इस्तीफा देने वाले भारत के पूर्व क्रिकेटर वसीम जाफर ने बुधवार को प्रदेश संघ के इन आरोपों को खारिज किया कि उन्होंने टीम में मजहब के आधार पर चयन की कोशिश की ।

भारत के लिये 31 टेस्ट खेल चुके जाफर ने कहा कि टीम में मुस्लिम खिलाड़ियों को तरजीह देने के उत्तराखंड क्रिकेट संघ के सचिव माहिम वर्मा के आरोपों से उन्हें काफी तकलीफ पहुंची है ।

जाफर ने मंगलवार को चयन में दखल और चयनकर्ताओं तथा संघ के सचिव के पक्षपातपूर्ण रवैये को लेकर इस्तीफा दे दिया था ।

जाफर ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘‘ जो कम्युनल एंगल लगाया, वह बहुत दुखद है । उन्होंने आरोप लगाया कि मैं इकबाल अब्दुल्ला का समर्थन करता हूं और उसे कप्तान बनाना चाहता हूं जो सरासर गलत है ।’’

रणजी ट्रॉफी में सर्वाधिक रन बना चुके जाफर ने इन आरोपों को भी खारिज किया कि टीम के अभ्यास सत्र में वह मौलवियों को लेकर आये थे ।

उन्होंने कहा ,‘‘ उन्होंने कहा कि बायो बबल में मौलवी आये और हमने नमाज पढी । मैं आपको बताना चाहता हूं कि मौलवी , मौलाना जो भी देहरादून में शिविर के दौरान दो या तीन जुमे को आये, उन्हें मैने नहीं बुलाया था ।’’

जाफर ने कहा ,‘‘ इकबाल अब्दुल्ला ने मेरी और मैनेजर की अनुमति जुमे की नमाज के लिये मांगी थी ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘हम रोज कमरे में ही नमाज पढते थे लेकिन जुमे की नमाज मिलकर पढते थे तो लगा कि कोई इसके लिये आयेगा तो अच्छा रहेगा । हमने नेट अभ्यास के बाद पांच मिनट ड्रेसिंग रूम में नमाज पढी । यदि यह सांप्रदायिक है तो मैं नमाज के वक्त के हिसाब से अभ्यास का समय बदल सकता था लेकिन मैं ऐसा नहीं हूं ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ इसमें क्या बड़ी बात है । मेरी समझ में नहीं आया।

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