टीम से अंदर बाहर होने से श्रेयस अय्यर निराश, बोले- इससे गिरता है मनोबल

By भाषा | Published: July 28, 2019 03:30 PM2019-07-28T15:30:39+5:302019-07-28T15:30:39+5:30

It was difficult: Shreyas Iyer eyes consistent run with India after missing out on World Cup | टीम से अंदर बाहर होने से श्रेयस अय्यर निराश, बोले- इससे गिरता है मनोबल

टीम से अंदर बाहर होने से श्रेयस अय्यर निराश, बोले- इससे गिरता है मनोबल

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हर खिलाड़ी अपने करियर को सुरक्षित करने की इच्छा रखता है और श्रेयस अय्यर भी इससे इतर नहीं हैं, उनका मानना ​​है कि ‘टीम में अंदर बाहर होना’ सही स्थिति नहीं है, जिससे लंबे समय में एक खिलाड़ी के आत्मविश्वास में कमी आती है।

इंडियन प्रीमियर लीग के सबसे कम उम्र के कप्तान (24 साल) अय्यर ने सात साल में पहली बार अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स को प्ले-ऑफ में पहुंचाया। वह कैरेबियाई सरजमीं में होने वाली आगामी सीमित ओवरों की श्रृंखला की तैयारी में जुटे हैं। वह दूसरी बार राष्ट्रीय टीम में शामिल हुए हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें कुछ और मौके मिलें, जिससे उन्हें टीम में जगह पक्की करने में मदद मिलेगी।

अय्यर ने कहा, ‘‘अगर आप बेहतरीन प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं तो आपको खुद को साबित करने और परिस्थितियों के अनुकूल ढलने के लिए कुछ मौकों की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप टीम के अंदर बाहर होते रहते हैं तो यह खिलाड़ी के आत्मविश्वास के लिए एक अच्छा नहीं है और आप खुद की प्रतिभा पर शक करना शुरू कर देते हो। अगर आप एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं तो आपको कुछ समय चाहिए।’’

मुंबई के इस खिलाड़ी ने छह वनडे और इतने ही टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं। घरेलू और ए स्तर पर लगातार निरंतर प्रदर्शन करने वाले अय्यर ने कहा कि कभी कभार आप धैर्य भी खोने लगते हो लेकिन एक ही मंत्र है कि अच्छा प्रदर्शन करें। यह पूछने पर कि जब आपकी लगातार अनदेखी की जाती है तो उन्होंने कहा, ‘‘हां, आप संयम खोना शुरू कर देते हो लेकिन चयन आपके हाथों में नहीं होता। आप सिर्फ प्रदर्शन, प्रदर्शन और प्रदर्शन ही कर सकते हो और मुझे यही करने में मजा आता है। आपको प्रदर्शन करते रहना होता है और लोगों को यह दिखाते रहना होता है कि आप शीर्ष स्तर पर खेलने के काबिल हो। एक बार आप ऐसा कर लेते हो तो आप कभी भी मुड़कर नहीं देखते। ’’

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