कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए मुंबई में इंडियन प्रीमियर लीग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें टूर्नामेंट के 15 अप्रैल तक स्थगित करने के फैसले के बाद बदली हुई स्थितियों पर चर्चा हुई। गवर्निंग काउंसिल की बैठक में बीसीसीआई अधिकारियों और टीम मालिकों के बीच कोरोना वायरस (COVID-19) और उसके टूर्नामेंट पर पड़ने वाले असर पर चर्चा हुई।
बैठक में मैचों की संख्या में कटौती करने पर मुख्य रूप से चर्चा हुई। टीम मालिकों और बीसीसीआई के बीच बैठक के दौरान छह से सात विकल्पों पर चर्चा की गई, जिनमें आईपीएल मैचों में कटौती करना भी शामिल था।
इसके अलावा मुंबई में हुई इस बैठक में आईपीएल के मैचों को 2 से 3 राज्यों में ही आयोजित कराने पर भी चर्चा हुई, ताकि खिलाड़ियों को ज्यादा यात्रा ना करने पड़े। इसके अलावा विदेशी खिलाड़ियों के खेलने को लेकर भी चर्चा हुई, जिसमें कहा गया कि जरूरत पड़ी तो विदेशी खिलाड़ियों को हटाया जा सकता है और आईपीएल मैच खाली स्टेडियम में कराए जाएंगे।
बैठक के बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि सभी टीमों और बोर्ड को फैंस और खिलाड़ियों की चिंता है। प्रेस रिलीज में कहा गया, 'सभी आईपीएल फ्रेंचाइजी बीसीसीआई के कदम से सहमत हैं, सभी को खिलाड़ियों, लोगों और अपने कर्मचारियों की सेहत को सर्वोपरी रखा है। बीसीसीआई केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ संपर्क में रहेगी और उसके बाद आईपीएल पर फैसला लिया जाएगा।'
सूत्रों के हवाले से ये भी खबर सामने आई है कि आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक में टूर्नामेंट को विदेश में आयोजित करने पर चर्चा नहीं हुई। किंग्स इलेवन पंजाब के सह मालिक नेस वाडिया ने कहा, बीसीसीआई, आईपीएल और प्रसारणकर्ता स्टार नेटवर्क का स्पष्ट मत था कि हम वित्तीय नुकसान पर गौर नहीं कर रहे हैं।
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बाद बीसीसीआई ने आईपीएल के 13वें सीजन को 15 अप्रैल तक स्थगित कर दिया, जिसकी शुरुआत पहले 29 मार्च से होनी थी।
भारत में कोरोना वायरस के कारण अभी तक दो व्यक्तियों की मौत हो चुकी है, जबकि 80 से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद सरकार ने भीड़ से बचने के लिए खेल प्रतियोगिताओं को दर्शकों के लिए बंद करने के निर्देश दिए। कोविड-19 के कारण विश्व भर में डेढ़ लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि 5000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।