दुबईः भारतीय कप्तान विराट कोहली अद्वितीय है। 32 वर्षीय क्रिकेटर ने अपनी शानदार यात्रा में कई मील के पत्थर हासिल किए हैं।
भारतीय कप्तान विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का दशक का शीर्ष सम्मान अपने नाम किया, जब उन्होंने पिछले 10 साल के सर्वश्रेष्ठ पुरुष क्रिकेटर के लिए सर गारफील्ड सोबर्स ट्रॉफी जीती। कोहली को दशक का सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर भी चुना गया।
10 साल पहले विराट कोहली ने ट्वीट किया था कि वह टीम के लिए बहुत सारा रन बनाना चाहता हूं। वह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग उसे ट्वीट को रीट्वीट कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने ट्विटर पर कोहली के इस पुरस्कार के लिए चुने जाने की घोषणा की।
कोहली ने ‘आईसीसी पुरस्कारों’ के समय के दौरान अपने 70 में से 66 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़े। इस दौरान उनके नाम पर सर्वाधिक अर्धशतक (94), सर्वाधिक रन (20396) के अलावा 70 से अधिक पारी खेलते हुए सर्वाधिक औसत (56.97) का रिकॉर्ड भी रहा।
कुल मिलाकर 32 साल के कोहली ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में 12040 रन, टेस्ट क्रिकेट में 7318 रन और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 2928 रन बनाए हैं और सभी प्रारूपों में मिलाकर उनका औसत 50 से अधिक का है। कोहली इसके अलावा 2011 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य भी रहे।
आईसीसी के दशक के सर्वश्रेष्ठ पुरुष क्रिकेटर के पुरस्कार की दौड़ में कोहली को भारतीय आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान जो रूट, श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा, आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ, दक्षिण अफ्रीका के स्टार बल्लेबाज एबी डिविलियर्स और न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन से चुनौती मिल रही थी।
कोहली ने बयान में कहा, ‘‘सबसे पहले तो यह पुरस्कार मिलना मेरे लिए बड़े सम्मान की बात है। पिछले एक दशक में जो लम्हा मेरे दिल के सबसे करीब है वह निश्चित तौर पर 2011 में विश्व कप, 2013 में चैंपियन्स ट्रॉफी और 2018 में आस्ट्रेलिया में सीरीज जीतना है।’’
रविवार को कोहली एकमात्र खिलाड़ी बने थे जिन्हें आईसीसी ने दशक की तीनों प्रारूपों की सर्वश्रेष्ठ टीम में जगह दी थी और साथ ही उन्हें दशक की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम का कप्तान भी बनाया गया था। सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर चुने जाने पर कोहली ने कहा, ‘‘एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से मैं काफी जल्दी जुड़ गया था। मैंने पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय टीम में जगह बनाई और इसके कुछ साल बाद मैंने टेस्ट पदार्पण किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मुझे काफी पहले ही अपने खेल को समझने का मौका मिला और मैं पहले भी कह चुका हूं कि मेरा एकमात्र इरादा और मानसिकता टीम के लिए विजयी योगदान देना था और मैंने अपने प्रत्येक मैच में सिर्फ ऐसा करने का प्रयास किया।’’
कोहली ने कहा, ‘‘अपने इस सफर के दौरान मैंने कभी आंकड़ों और संख्या पर ध्यान नहीं दिया और आप मैदान पर जो कुछ भी करते हो यह उसका नतीजा है और मेरे लिए यह जीत के रास्ते पर चलते हुए हासिल की गई उपलब्धियां हैं।’’