टेस्ट सीरीज में 1-2 से हार झेलने के बाद टीम इंडिया ने वनडे सीरीज में जीत के साथ आगाज किया है। भारत ने गुरुवार को डरबन में खेले गए पहले वनडे में दक्षिण अफ्रीका को 6 विकेट से हरा दिया। डरबन के इस ग्राउंड पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह पहली जीत है। इससे पहले उसे मेजबान के खिलाफ हमेशा हार का सामना करना पड़ा था।
साथ ही यह पहली बार है जब भारतीय टीम ने डरबन में खेले गए किसी वनडे में 250 रनों का आंकड़ा पार किया। भारत ने इस जीत के साथ दक्षिण अफ्रीका के अपने ही घर में लगातार 17वनडे जीतने के विजयी रथ को भी रोक दिया है।
इस जीत से भारत ने छह वनडे मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है। भारत की जीत में कप्तान विराट कोहली (112) के वनडे करियर के 33वें शतक, अजिंक्य रहाणे (79) के अर्धशतक के अलावा कुलदीप यादव (34-3) और युजवेंद्र चहल (45-2) की फिरकी की अहम भूमिका रही। कोहली का दक्षिण अफ्रीका की जमीन पर यह पहला वनडे शतक है। कोहली-रहाणे के बीच चौथे विकेट के लिए रिकॉर्ड 189 रनों की साझेदारी हुई। इसी के दम पर 270 रनों के लक्ष्य को भारत ने 45.3 ओवरों में चार विकेट खोकर हासिल किया।
इससे पहले कुलदीप और चहल ने दक्षिण अफ्रीका को 50 ओवरों में आठ विकेट पर 269 रनों पर रोका और फिर रहाणे-कोहली की जोड़ी ने दक्षिण अफ्रीकी कप्तान फाफ डु प्लेसिस की 112 गेंदों में 11 चौके और दो छक्कों की मदद से खेली गई 120 रनों की पारी पर पानी फेर दिया।
रोहित-धवन की संभलकर शुरुआत
लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारत को रोहित शर्मा (20) और शिखर धवन (35) की जोड़ी ने सधी हुई शुरुआत देने की कोशिश की, लेकिन रोहित मोर्ने मोर्कल की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में आउट हो गए। गेंद ने उनके बल्ले का ऊपरी किनारा लिया और हवा में गई जिसे क्विंटन डी कॉक ने लपक लिया। रोहित का विकेट 30 के कुल स्कोर पर गिरा।
कोहली ने मैदान पर कदम रखा और धवन के साथ पारी को आगे बढ़ाया। धवन भी लय में दिख रहे थे, लेकिन रन लेने के कारण हुई गलतफहमी में ऐडेन मार्कराम ने सीधा थ्रो विकेट पर मार धवन की पारी का अंत किया।
चौथे नंबर पर रहाणे का 'चमत्कार'
तीसरे टेस्ट में अहम पारी खेल भारत की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले रहाणे को चौथे नंबर पर भेजा गया और इस बल्लेबाज ने मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए अपने कप्तान को दूसरे छोर से जरूरी समर्थन दिया।
कोहली और रहाणे की जोड़ी ने विकेट पर इस कदर पैर जमा लिए की मेजबान टीम के गेंदबाजों के दांव धरे के धरे रह गए। इस जोड़ी ने भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया। रहाणे एक बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में सीमा रेखा के पास अंदिले फेहुलकवायो के हाथों लपके गए। उन्होंने 86 गेंदों का सामना किया और पांच चौकों के अलावा दो छक्के लगाए। वह जब आउट हुए तब भारत को जीत के लिए 14 रनों की दरकार थी।
कोहली की पारी का अंत 45वें ओवर की तीसरे गेंद पर फेहुलकवायो ने किया। कोहली ने अपनी पारी में 119 गेंदों का सामना करते हुए 10 चौके लगाए। महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 4) ने चौका मार भारत की जीत दिलाई।
इससे पहले टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी दक्षिण अफ्रीका को पहला झटका हाशिम अमला (16) के रूप में लगा। वह 30 के कुल स्कोर पर पगबाधा करार दे दिए गए। डु प्लेसिस ने मैदान पर कदम रखा और क्विंटन डी कॉक (34) के साथ दूसरे विकेट के लिए 53 रनों की साझेदारी करते हुए टीम का स्कोर 83 पहुंचा दिया।
यहीं डी कॉक, चहल की फिरकी में फंस कर पगबाधा आउट हो गए। यहां से मेजबान टीम का मध्यक्रम ढह गया। ए़िडन मार्कराम (9), ज्यां पॉल ड्यूमिनी (12), डेविड मिलर (7) जल्दी-जल्दी पवेलियन लौट लिए। मेजबान टीम अपने पांच विकेट 134 के कुल स्कोर पर ही खो चुकी थी।
यहां डु प्लेसिस को क्रिस मौरिस का साथ मिला जिन्होंने 37 रनों की पारी खेली। कुलदीप एक बार फिर मेजबान टीम के लिए खतरा साबित हुए और उन्होंने मौरिस को बोल्ड कर मेजबान टीम को एक और बड़ा झटका दिया। हालांकि, इस बीच कप्तान ने अपना खेल जारी रखा और 47वें ओवर की दूसरी गेंद पर एक रन लेकर वनडे में अपना नौंवां शतक पूरा किया। उनकी पारी का अंत भुवनेश्वर कुमार ने किया। वह आखिरी ओवर की दूसरी गेंद पर पांड्या के हाथों लपके गए। फेहुलकवायो 27 रन बनाकर नाबाद रहे।