ICC ने जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को किया निलंबित, रोकी गई फंडिंग, T20 वर्ल्डकप क्वालीफायर के लिए अधर में उम्मीदवारी!

आईसीसी के मुताबिक, जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड राजनीतिक दखल रोकने में नाकाम रहा। यही नहीं, जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी के संविधान का उल्लंघन कर अनुशासन तोड़ा।

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: July 19, 2019 02:35 IST

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ठळक मुद्देआईसीसी के संविधान का पालन नहीं करने पर जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।आईसीसी के मुताबिक, जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड राजनीतिक दखल रोकने में नाकाम रहा और बोर्ड के लिए स्वतंत्र और लोकतांत्रिक चुनाव प्रकिया उपलब्ध नहीं करा सका।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने गुरुवार (18 जुलाई) को बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड को उसकी सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। आईसीसी के मुताबिक, जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड राजनीतिक दखल रोकने में नाकाम रहा। यही नहीं, जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड ने आईसीसी के संविधान का उल्लंघन कर अनुशासन तोड़ा। आईसीसी के इस कदम के चलते इसी वर्ष अक्टूबर में टी20 विश्वकप क्वालीफायर के लिए जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम की उम्मीवार पर भी अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं। 

लंदन में आईसीसी की सालाना कांफ्रेंस में यह फैसला लिया गया। आईसीसी ने सर्वसम्मति से फैसला लेते हुए कहा कि इस कदम के पीछे वजह यह है कि जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड इसके लिए स्वतंत्र और लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया उपलब्ध कराने में असफल रहा। आईसीसी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि पूर्णकालिक सदस्य इसके प्रशासन में सरकारी हस्तक्षेप रोकने में नाकाम रहा। इस फैसले के साथ, जिम्बाब्वे क्रिकेट को अब आईसीसी फंडिंग नहीं मिलेगी और बोर्ड की प्रतिनिधि टीमें आईसीसी के कार्यक्रमों में भाग नहीं ले सकेंगी।

बता दें कि  पिछले महीने जिम्बाब्वे सरकार के खेल और मनोरंजन आयोग ने पूरे क्रिकेट बोर्ड को निलंबित कर दिया था और उसकी जगह एक अंतरिम समिति गठित कर दी थी। इसी को देखते हुए आईसीसी ने जिम्बाब्वे क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ यह दंडात्मक कार्रवाई की है। आईसीसी का कहना है कि वह अक्टूबर में बोर्ड की बैठक में अपने फैसले की समीक्षा करेगी।

आईसीसी के चेयरमैन शशांक मनोहर ने मीडिया से कहा, ''हमें अपने खेल को राजनीतिक दखल से मुक्त रखना चाहिए।'' उन्होंने कहा, ''जिम्बाब्वे में जो हुआ वह आईसीसी के संविधान का गंभीर उल्लंघन हैं और हम इसे बिना जांचे जारी रहने की अनुमति नहीं दे सकते।''   

बता दें कि जून 2004 में तत्कालीन कप्तान हीथ स्ट्रीक को बर्खास्त करने के बाद 15 खिलाड़ियों को क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया गया था और जिम्बाब्वे के टेस्ट स्टेटस को आईसीसी ने निलंबित कर दिया था।

निलंबन हटने के बाद जिम्बाब्वे ने 2005 में 8 टेस्ट मैच खेले थे लेकिन फिर 2011 तक कोई दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेला।

इंग्लैंड और वेल्स में इसी वर्ष खेले गए क्रिकेट विश्व कप के लिए जिम्बाब्वे क्वालीफाई करने में नाकाम रहा था।

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