डीआरएस में ‘अंपायर्स कॉल’ की समीक्षा करनी चाहिए आईसीसी को : तेंदुलकर

By भाषा | Updated: December 28, 2020 18:19 IST2020-12-28T18:19:23+5:302020-12-28T18:19:23+5:30

ICC should review 'Umpires Call' in DRS: Tendulkar | डीआरएस में ‘अंपायर्स कॉल’ की समीक्षा करनी चाहिए आईसीसी को : तेंदुलकर

डीआरएस में ‘अंपायर्स कॉल’ की समीक्षा करनी चाहिए आईसीसी को : तेंदुलकर

मुंबई, 28 दिसंबर दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) में ‘अंपायर्स कॉल’ की संपूर्ण समीक्षा करने का आग्रह किया।

आस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में दूसरे टेस्ट मैच के दौरान भारत को इस नियम का खामियाजा भुगतना पड़ा।

‘अंपायर्स कॉल’ तब मुख्य रूप से सामने आता है जबकि पगबाधा के लिये ‘रिव्यू’ की मांग की गयी हो। इस स्थिति में अगर अंपायर ने नॉट आउट दिया है तो रिव्यू में यह पता चलने पर कि गेंद स्टंप पर लग रही है, टीवी अंपायर के पास फैसला बदलने का अधिकार नहीं होता है। गेंदबाजी टीम के लिये यही अच्छी बात होती है कि वह अपना रिव्यू नहीं गंवाती है।

तेंदुलकर ने ट्वीट किया, ‘‘खिलाड़ी इसलिए रिव्यू लेते हैं क्योंकि वे मैदानी अंपायर के फैसले से नाखुश होते हैं। आईसीसी को डीआरएस प्रणाली विशेषकर ‘अंपायर्स कॉल’ की संपूर्ण समीक्षा करने की जरूरत है। ’’

आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जो बर्न्स और मार्नस लाबुशेन के खिलाफ पगबाधा की अपील के बाद रीप्ले में लगा कि गेंद गिल्लियों को स्पर्श करके जाती लेकिन अंपायर्स कॉल के कारण दोनों बल्लेबाज क्रीज पर बने रहे।

तेंदुलकर ने इसके बाद 100 एमबी ऐप पर वीडियो पोस्ट कर कहा, ‘‘ मैं डीआरएस नियम से संतुष्ट नहीं हूं। जब आप तीसरे अंपायर के पास चले जाते है तो फिर मैदानी अंपायर का फैसला मायने नहीं रखना चाहिये।’’

तेंदुलकर ने कहा कि अगर गेंद विकेट के सामने है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह विकेट से पूरा टकरा रहा है या सिर्फ गल्ली से।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह मायने नहीं रखता कि गेंद विकेट से 10 प्रतिशत टकरा रही है या 15 प्रतिशत या फिर 70 प्रतिशत, ऐसा इसलिए क्योंकि जब आप बोल्ड होते है तो यह मायने नहीं रखता है। मैं यह मानता हूं कि गेंद ट्रैकिंग प्रणाली 100 प्रतिशत सही नहीं हो सकती ,लेकिन आप मुझे एक अंपायर का नाम बताइये जिन्होंने कभी गलत फैसला नहीं दिया है।’’

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा मैच खेलने के साथ सबसे अधिक रन बनाने वाले इस पूर्व दिग्गज ने कहा, ‘‘ हम सभी गलती करते हैं, लेकिन एक बार जब हमने तकनीक को अपनाने का फैसला कर लिया है, तो इसके साथ तब तक बने रहे जब तक हम 100 प्रतिशत सही तकनीक हासिल नहीं कर लेते है।’’

आस्ट्रेलियाई स्पिन दिग्गज शेन वार्न ने सबसे पहले इस नियम की आलोचना की थी जिसे अनिल कुंबले की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने तैयार किया है।

वार्न लगातार कहते रहे हैं कि वह अंपायर्स कॉल को कभी नहीं समझ पाये। उन्होंने पिछले साल पीटीआई-भाषा से कहा था, ‘‘अगर गेंद स्टंप को हिट कर रही हो तो यह आउट भी हो सकता है और नॉट आउट भी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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