इंदौर, 09 दिसंबर: अपने पदार्पण मैच में 267 रन की लाजवाब पारी खेलकर प्रथम श्रेणी मैचों में नया विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले मध्य प्रदेश के विकेटकीपर-बल्लेबाज अजय रोहेरा की खुशी का ठिकाना नहीं है लेकिन वह अपने इस कीर्तिमान को भूलकर आगामी मैचों पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानने वाले रोहेरा ने विशेष साक्षात्कार में कहा, 'मैं आने वाले मैचों में एकदम नयी शुरुआत करूंगा। मेरा विश्व रिकॉर्ड तो अब इतिहास की बात हो गयी। मैं इस रिकॉर्ड को जितना जल्दी भूलूंगा, उतने ज्यादा रन बना पाऊंगा।'
उन्होंने कहा, 'बतौर खिलाड़ी मैं चीजों को आसान रखना चाहता हूं। अगर मैं आने वाले मुकाबलों में हड़बड़ी दिखाऊंगा, तो चीजें मेरे लिये दिनों-दिन मुश्किल होती चली जायेंगी।'
रोहेरा ने मध्य प्रदेश की तरफ से हैदराबाद के खिलाफ रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप बी मैच में नाबाद 267 रन बनाये और इस तरह से अमोल मजूमदार का रिकॉर्ड तोड़ा जिन्होंने फरवरी 1994 में मुंबई की तरफ से हरियाणा के खिलाफ फरीदाबाद में अपने पदार्पण मैच में 260 रन बनाये थे। रोहेरा की पारी से मध्य प्रदेश ने यह मैच पारी और 253 रन से जीता।
होल्कर स्टेडियम में विश्व रिकॉर्ड का पीछा करते वक्त मन में क्या चल रहा था? इस प्रश्न पर रोहेरा ने कहा, 'तब मैं केवल अपना स्वाभाविक खेल खेलने पर ध्यान दे रहा था। मैं कुछ अलग करने के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोच रहा था।'
उन्होंने कहा, 'क्रिकेट की दुनिया में तेंदुलकर मेरे सर्वकालिक आदर्श हैं। उनसे मुझे हमेशा प्रेरणा मिलती है।'
इंदौर के नजदीकी कस्बे देवास से ताल्लुक रखने वाले युवा क्रिकेटर के पिता राजकुमार रोहेरा आईसक्रीम बनाने की इकाई चलाते हैं, जबकि उनकी माता प्रिया रोहेरा गृहिणी हैं।
आम युवाओं की तरह रोहेरा ने भी 'गली क्रिकेट; से शुरूआत की और कदम-दर-कदम आगे बढ़ते हुए इस बार मध्य प्रदेश रणजी टीम के अंतिम एकादश में जगह बनायी।