'मुझे वीरेंद्र सहवाग की तरह आजादी और समर्थन नहीं मिला', मुरली विजय का छलका दर्द

विजय ने अब तक 61 टेस्ट खेले हैं और उनमें 3982 रन बनाए हैं, जिसमें 12 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। सहवाग के साथ कई बार पारी की शुरूआत कर चुके विजय ने कहा है कि उन्हें कभी भी वीरेंद्र सहवाग की तरह आजादी और समर्थन नहीं मिला।

By शिवेंद्र राय | Published: January 17, 2023 04:09 PM2023-01-17T16:09:12+5:302023-01-17T16:11:20+5:30

I did not get freedom and support like Virender Sehwag said Murali Vijay | 'मुझे वीरेंद्र सहवाग की तरह आजादी और समर्थन नहीं मिला', मुरली विजय का छलका दर्द

मुरली विजय ने बीसीसीआई पर जमकर भड़ास निकाली

googleNewsNext
Highlightsमुरली विजय ने 2008 में टेस्ट डेब्यू किया था।मुरली विजय ने अपना आखिरी टेस्ट साल 2018 में खेला था।विदेशी लीग में खेलने की संभावना तलाश रहे हैं विजय।

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 61 टेस्ट मैच खेल चुके 38 वर्षीय सलामी बल्लेबाज मुरली विजय एक बार फिर अपने बयान की वजह से सु्र्खियों में हैं। मुरली विजय ने कहा है कि बोर्ड की तरफ से जिस तरह का समर्थन और आजादी वीरेंद्र सहवाग को मिली वैसा उन्हें नहीं मिला। 

स्पोर्टस्टार से बातचीत में मुरली विजय ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मुझे वीरेंद्र सहवाग जैसी आजादी नहीं मिली। अगर मुझे उस तरह का समर्थन और मौके मिलते तो मैं भी कोशिश कर सकता था।" सहवाग और मुरली विजय ने एक साथ कई मैचों में भारत के लिए पारी की शुरुआत की थी। हालांकि मुरली विजय ने अपना आखिरी टेस्ट साल 2018 में खेला था और अब शायद ही उन्हें फिर से टीम में वापसी का मौका मिले।

अपनी बातचीत में मुरली विजय ने सहवाग के साथ खेलने का अनुभव भी साझा किया और कहा कि सहवाग जिस तरह की क्रिकेट खेलते थे उन्हें देखकर खुद को नियंत्रित करना मुश्किल होता था। मुरली विजय ने आगे कहा, "मुझे लगता है कि सहवाग की तरह कोई और नहीं खेल सकता। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए जो किया वह अद्भुत था। वह अलग तरह के बल्लेबाज हैं, जिन्हें मैंने अपनी आंखों से देखा है। वह 145-150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंक रहे गेंदबाजों के सामने गाना गा रहे होते थे। तब आप कुछ और अनुभव कर रहे होते हैं। यह सामान्य नहीं है।"

बता दें कि लंबे समय से टीम से नजरअंदाज किए जा रहे मुरली विजय ने बीसीसीआई पर जमकर भड़ास निकाली थी और कहा था कि भारत में लोग हमें 30 साल की उम्र में ऐसा समझते हैं जैसे कि 80 साल का शख्स चल रहा हो। उम्र को खिलाड़ी के चयन का पैमाना मानने पर भी मुरली विजय ने चयनकर्ताओं के रवैये पर सवाल उठाए।

बता दें कि मुरली विजय अब विदेशी लीग या अन्य टूर्नामेंटों में खेलने के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। हालांकि भारतीय खिलाड़ियों के विदेशों में खेलने की अनुमति देना बीसीसीआई की नीति नहीं है। मुरली विजय ने बोर्ड की इस नीति पर भी सवाल उठाए।

Open in app