धोनी ने कैसे बनाई थी आईपीएल 2010 फाइनल में सचिन को आउट करने की खास योजना, सीएसके के पूर्व गेंदबाज ने किया खुलासा

Shadab Jakati: चेन्नई सुपरकिंग्स के पूर्व स्पिनर शादाब जकाती ने खुलासा किया है कि कैसे आईपीएल 2010 में सचिन तेंदुलकर को आउट करने के लिए धोनी बनाई थी खास योजना

By अभिषेक पाण्डेय | Published: May 27, 2020 03:09 PM2020-05-27T15:09:19+5:302020-05-27T15:09:19+5:30

How Dhoni plotted the dismissal of Sachin Tendulkar in IPL 2010 final, narrates Shadab Jakati | धोनी ने कैसे बनाई थी आईपीएल 2010 फाइनल में सचिन को आउट करने की खास योजना, सीएसके के पूर्व गेंदबाज ने किया खुलासा

धोनी की कप्तानी में चेन्नई ने सचिन तेंदुलकर की मुंबई इंडियंस को हराकर जीता था खिताब (IPL)

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Highlightsधोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने मुंबई इंडियंस को हराकर जीता था आईपीएल 2010 का खिताबचेन्नई के 169 रन के जवाब में मु्ंबई की टीम 146/9 का स्कोर ही बना पाई, सचिन ने बनाए थे 48 रन

टीम इंडिया के लिए कई मैचों में साथ खेलने वाले सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी 2008 में आईपीएल शुरू होने पर क्रमश: मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेलते हुए एकदूसरे के प्रतिद्वंद्वी के रूप में मैदान में उतरे थे। 

आईपीएल शुरू होने के दो साल बाद 2010 में फाइनल में संयोग से सचिन और धोनी की भिड़ंत हुई। उस आईपीएल फाइनल के 10 साल बाद अब सीएसके के स्पिनर शादाब जकाती ने खुलासा किया है कैसे धोनी ने उस आईपीएल फाइनल में सचिन को आउट करने की योजना बनाई थी, जिसकी बदौलत चेन्नई की टीम चैंपियन बनी थी।

कैसे आईपीएल 2010 फाइनल में धोनी ने बनाई थी सचिन को आउट करने की योजना

बाएं हाथ के स्पिनर जकाती आईपीएल 2010 में धोनी का प्रमुख हथियार रहे थे। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में जकाती का प्रयोग पहले 10 ओवरों में किया था और अच्छे परिणाम हासिल किए थे। लेकिन मुंबई के खिलाफ फाइनल में धोनी ने बाएं हाथ के स्पिनर को मुंबई के दाएं हाथ के बल्लेबाजों को ध्यान में रखते हुए बाद में प्रयोग के लिए बचाकर रखा।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जकाती ने विजडन इंडिया को दिए इंटरव्यू में कहा, 'मैंने पहले दो ओवरों में 21 रन दिए।' बाएं हाथ के अभिषेक नायर बैटिंग कर रहे थे, धोनी ने मुझसे कहा कि वह मुझे बीच के ओवरों में इस्तेमाल करेंग, दाएं हाथ के बल्लेबाजों-सचिन तेंदुलकर, अंबाती रायुडू और कीरोन पोलार्ड-के लिए बचाकर रखेंगे। हमने मुंबई के दाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ अपना होमवर्क किया था, जो बाएं हाथ के स्पिनरों के खिलाफ अपेक्षाकृत कमजोर थे।'

फाइनल में 169 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए मुंबई की टीम सही ट्रैक पर थी, जब सचिन अर्धशतक के करीब थे, लेकिन 15वें ओवर में बाजी पलट गई। मुंबई को जब आखिरी छह ओवरों में 74 रन की जरूरत थी तो बड़े शॉट खेलने का दारोमदार सचिन पर था। धोनी ये बात जानते थे और उन्होंने गेंद जकाती को सौंपी, जो गेंद को सचिन से दूर टर्न करा रहे थे, और उन्हें स्पिन के खिलाफ खेलने पर विवश कर रहे थे।

सचिन ने आईपीएल 2010 फाइनल में बनाए थे 48 रन, चेन्नई 22 रन से जीती

सचिन ने जकाती की पहली गेंद पर चौका लगाया लेकिन अगली गेंद पर उनका मिसहिट सीधे लॉन्ग ऑफ फील्डर के हाथों में पहुंच गया। सचिन 45 गेंदों में 7 चौकों की मदद से 48 रन बनाकर आउट हुए। तीन गेंद बाद ही जकाती ने सौरभ तिवारी (0) को आउट करके चेन्नई को टॉप पर पहुंचा दिया।

जकाती ने कहा, 'उस मैच में धोनी ने पोलार्ड को मैथ्यू हेडन को गेंदबाज के पीछे लगाकर आउट किया था। उन्होंने कुछ चीजें की थी। उन्हें पता होता था कि किस गेंदबाज को कब लाना गै। वह एक ऐसे कप्तान थे, जो जानते थे कि सही समय पर कैसे खिलाड़ी से उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाना है।'

धोनी की कप्तानी में चेन्नई सुपरकिंग्स ने वह मैच 22 रन से जीतते हुए पहली बार आईपीएल ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था।

सीएसके के लिए 2009 से 2012 के बीच चार सीजन में 48 विकेट लेने वाले जकाती ने धोनी की सहजता के लिए उनकी तारीफ की।

जकाती ने कहा, 'उन्होंने कभी भी गेंदबाजों की किसी बैठक में हिस्सा नहीं लिया। क्योंकि वह मैच के महत्वपूर्ण समय में अपनी सहजता और खुद पर भरोसा करते हैं। वह हमें अपनी फील्ड सजाने की आजादी देते थे और अगर ये काम नहीं करता था, तो वह अपना दिमाग लगाते थे। लेकिन पहली प्राथमिकता हम होते थे।'

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