गांगुली ने कोहली की प्रेस कांफ्रेंस पर टिप्पणी से इनकार किया

By भाषा | Updated: December 16, 2021 17:35 IST2021-12-16T17:35:53+5:302021-12-16T17:35:53+5:30

Ganguly denies comment on Kohli's press conference | गांगुली ने कोहली की प्रेस कांफ्रेंस पर टिप्पणी से इनकार किया

गांगुली ने कोहली की प्रेस कांफ्रेंस पर टिप्पणी से इनकार किया

कोलकाता, 16 दिसंबर टेस्ट कप्तान विराट कोहली के सार्वजनिक रूप से विरोधाभासी बयान देकर भारतीय क्रिकेट में तूफान लाने के एक दिन बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि बोर्ड इससे निपटेगा।

दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना होने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कोहली ने कहा था कि जब उन्होंने टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने के अपने इरादे के बारे में बताया तो उन्हें कभी कप्तान बने रहने के लिए नहीं कहा गया।

यह गांगुली के कुछ दिन पहले दिए गए बयान के बिलकुल विपरीत था जिन्होंने कहा था कि कोहली को आग्रह किया गया था कि वह पद नहीं छोड़ें।

गांगुली ने गुरुवार को स्थानीय मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘कोई बयान, प्रेस कांफ्रेंस नहीं। हम इससे निपटेंगे, यह बीसीसीआई पर छोड़ दीजिए।’’

इस तरह की चर्चा थी कि बीसीसीआई ने कोहली की विस्फोटक प्रेस कांफ्रेंस के बाद चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा को मीडिया को संबोधित करने को कहा गया था लेकिन बोर्ड ने अंतत: कोई बयानबाजी नहीं की।

बुधवार को कोहली के बयान से प्रशासकों के साथ उनका तनाव उभरकर सामने आया था।

कोहली ने गांगुली के बयान के संदर्भ में कहा था, ‘‘जो फैसला किया गया उसे लेकर जो भी संवाद हुआ, उसके बारे में जो भी कहा गया वह गलत है। ’’

कोहली ने कहा, ‘‘जब मैंने टी20 कप्तानी छोड़ी तो मैंने पहले बीसीसीआई से संपर्क किया और उन्हें अपने फैसले के बारे में बताया और उनके (पदाधिकारियों) सामने अपना नजरिया रखा।’’

भारतीय कप्तान ने गांगुली के कुछ दिन पहले के बयान से बिलकुल विपरीत जानकारी देते हुए कहा, ‘‘मैंने कारण बताए कि आखिर क्यों मैं टी20 कप्तानी छोड़ना चाहता हूं और मेरे नजरिए को अच्छी तरह समझा गया। कुछ गलत नहीं था, कोई हिचक नहीं थी और एक बार भी नहीं कहा गया कि आपको टी20 कप्तानी नहीं छोड़नी चाहिए। ’’

इससे पहले गांगुली ने पीटीआई को दिए साक्षात्कार में कहा था कि कोहली के टी20 कप्तानी छोड़ने पर पुनर्विचार नहीं करने के कारण चयनकर्ताओं को सीमित ओवरों के प्रारूप में रोहित को एकमात्र कप्तान बनाना पड़ा क्योंकि दो प्रारूपों में दो अलग कप्तान होने से नेतृत्वक्षमता का टकराव हो सकता था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in app