डेविड वार्नर को अब भी है कप्तानी पर आजीवन प्रतिबंध लगने का दर्द, सैंडपेपर मामले पर कही ये बात

गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण से क्या सीखा इस बारे में पूछने पर वार्नर ने कहा, ‘उस पूरे दौर में अपने पूरे करियर पर विचार करते हुए मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि जब आप आगे बढ़ेंगे तो आपके सामने बहुत सारी बाधाएं आएंगी। रास्ते में बाधाएं आएंगी लेकिन आपको आगे बढ़ना होगा और मैंने सम्मान के साथ ऐसा किया है।’

By भाषा | Published: January 1, 2024 05:42 PM2024-01-01T17:42:26+5:302024-01-01T17:44:03+5:30

David Warner still has the pain of being banned for life from captaincy sandpaper case | डेविड वार्नर को अब भी है कप्तानी पर आजीवन प्रतिबंध लगने का दर्द, सैंडपेपर मामले पर कही ये बात

संन्यास ले रहे हैं ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर

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Highlightsआजीवन प्रतिबंध से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था - वार्नरइसे बोर्ड के सामने रखने की पूरी कोशिश की - वार्नर मैं उससे आगे बढ़ चुका हूं - वार्नर

नई दिल्ली: संन्यास ले रहे ऑस्ट्रेलिया के  दिग्गज सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर ने सोमवार, 1 जनवरी को कहा कि 2018 के गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के बाद उनके कप्तानी करने पर लगे आजीवन प्रतिबंध से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता था लेकिन वह इस मामले से आगे बढ़ गए हैं। टीम के साथी कैमरन बैनक्रॉफ्ट के पैंट की जेब में सैंडपेपर (रेगमाल) के साथ पकड़े जाने के बाद वार्नर के कप्तानी करने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया गया था और ऑस्ट्रेलिया ने 2018 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन टेस्ट के दौरान गेंद से छेड़छाड़ की बात स्वीकार की थी।

जिन तीन क्रिकेटरों को सजा दी गई थी उनमें तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट भी शामिल थे। वार्नर को सबसे कड़ी सजा मिली थी। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की खिलाड़ियों और कर्मचारियों के लिए आचार संहिता में 2022 में हुए संशोधन के बाद बाएं हाथ के बल्लेबाज वार्नर को प्रतिबंध के खिलाफ अपील करनी थी लेकिन बाद में उन्होंने ऐसा नहीं करने का फैसला किया क्योंकि उन्हें पता चला कि समीक्षा पैनल की सुनवाई सार्वजनिक रूप से की जानी थी। 

इस हफ्ते एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय और टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले वार्नर ने कहा, ‘जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो इससे (गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण) अलग तरीके से निपटा जा सकता था लेकिन मुझे लगता है कि निक (हॉकले, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कार्यकारी) ने इसे बोर्ड के सामने रखने की पूरी कोशिश की और फैसला किया गया और मैं इससे खुश हूं। मैं उससे आगे बढ़ चुका हूं।’ 

वार्नर से पूछा गया था कि क्या अब भी उनके मन में आजीवन नेतृत्व प्रतिबंध और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा समीक्षा के तरीके को लेकर कोई कड़वाहट है। इस 37 वर्षीय आक्रामक सलामी बल्लेबाज ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ बुधवार से एससीजी में शुरू होने वाले तीसरे और अंतिम टेस्ट के बाद सबसे लंबे प्रारूप से संन्यास ले लेंगे। आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद और दिल्ली कैपिटल्स का नेतृत्व कर चुके वार्नर ने कहा कि उन्होंने टी20 लीग में नेतृत्व करने का लुत्फ उठाया। उन्होंने कहा, ‘मुझे आईपीएल, आईएलटी20 में नेतृत्व करने के अवसर मिले हैं। मैंने अपनी नेतृत्व भूमिकाओं का आनंद लिया है।’ वार्नर ने कहा,  ‘लेकिन हाल के वर्षों में मैंने सीखा है कि नेतृत्व का मतलब कप्तान या उप-कप्तान बनना नहीं है। मेरे लिए, मैं इस टीम में नेतृत्व करता हूं। आपको अपने नाम के आगे कप्तान या उप कप्तान लिखवाने की जरूरत नहीं है।’

गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण से क्या सीखा इस बारे में पूछने पर वार्नर ने कहा, ‘उस पूरे दौर में अपने पूरे करियर पर विचार करते हुए मुझे कोई पछतावा नहीं है क्योंकि जब आप आगे बढ़ेंगे तो आपके सामने बहुत सारी बाधाएं आएंगी। रास्ते में बाधाएं आएंगी लेकिन आपको आगे बढ़ना होगा और मैंने सम्मान के साथ ऐसा किया है।’ वार्नर ने यह भी खुलासा किया कि अगर उन्होंने रन नहीं बनाए होते तो वह लॉर्ड्स में 2023 एशेज श्रृंखला के दूसरे मैच के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के लिए तैयार थे। चयनकर्ताओं ने पहले केवल शुरुआती दो टेस्ट मैच के लिए एशेज टीम का चयन किया था और वार्नर तब फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे थे। वार्नर ने कहा कि मौजूदा श्रृंखला में पाकिस्तान का सूपड़ा साफ करना शानदार होगा। 

उन्होंने कहा, ‘इस अंत तक पहुंचना शानदार है लेकिन यह मेरे बारे में नहीं है, यह हमारे बारे में है। हमने (पाकिस्तान के खिलाफ) श्रृंखला जीत ली है, लेकिन 3-0 से जीतना और यहां एससीजी (सिडनी क्रिकेट ग्राउंड) में सूपड़ा साफ करना बहुत अच्छी बात होगी। हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि यह टीम पिछले 18 महीनों में कितना अच्छा खेल रही है।’ भारत में 50 ओवर के विश्व कप की जीत के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम जिस स्थिति में थे वहां से जीतना बेहद शानदार था। टीम के अंदर सब कुछ बहुत शांत था। हम अपनी क्षमता के अनुसार सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग करके खुद को तैयार करते थे और फिर मैदान पर प्रदर्शन करते थे।’ उन्होंने कहा, ‘कभी भी कोई अतिरिक्त दबाव नहीं था। जब हम भारत में (विश्व कप में) लगातार दो मैच हार गए तो एक-दूसरे के साथ संबंध मजबूत हो गए। हम संयोग से वहां (खिताब जीतना) नहीं पहुंचे।’

वार्नर ने कहा कि उन्होंने अपना सर्वश्रेठ दिया है इसलिए उनकी कोई इच्छा नहीं है कि वह कुछ अलग कर पाते। उन्होंने एशेज जीत के अलावा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2014 की टेस्ट सीरीज जीत को अपने करियर का पसंदीदा पल बताया। पाकिस्तान के खिलाफ 2017 में एससीजी में एक सत्र में उनके 100 रन और 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ नाबाद 335 रन वार्नर की पसंदीदा पारियां हैं। उन्होंने अपने करियर में सबसे कठिन गेंदबाज के रूप में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज डेल स्टेन को चुना। वार्नर ने यह भी संकेत दिया कि निकट भविष्य में राष्ट्रीय टीम के और भी साथी संन्यास ले सकते हैं।

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